बिहार के डॉक्टरों संग कल तेजस्वी की मीटिंग, जानेंगे स्वास्थ्य सेवाओं की समस्या, सूबे का सियासी पारा चढ़ा

बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर एकबार फिर सियासी घमासान मचा है. नीति आयोग की रिपोर्ट पर विपक्ष ने सरकार को निशाने पर लिया है. वहीं तेजस्वी यादव रविवार को सूबे के डॉक्टरों के संग मिलकर स्वास्थ्य सेवाओं पर विचार-विमर्श करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2021 3:18 PM

नीति आयोग की एक रिपोर्ट को लेकर बिहार के सियासत अभी गरमायी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, जिला अस्पतालों में बेड की संख्या बेहद कम होने की बात कही गयी है. जिसके बाद विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इसे लेकर सरकार को घेरा है. वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था में आ रही समस्या को समझने के लिए नेता प्रतिपक्ष अब सूबे के डॉक्टरों के संग विचार विमर्श करेंगे.

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समाज के हर वर्ग, हर व्यवसाय से जुड़े लोगों को सम्मान के साथ राजद का हिस्सा बनाना चाहते हैं. दरअसल बिहार का स्वास्थ्य विभाग समस्याओं से जूझ रहा है. लिहाजा किसी भी संवेदनशील राजनेता या राजनीतिक दल के लिए अत्यावश्यक यह है कि वह स्वास्थ्य विभाग की हर कमी व नाकामी, डॉक्टरों , स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों की हर समस्या को समझने उसकी तह तक जाये. इसी मकसद से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव तीन अक्तूबर को बिहार के डॉक्टरों के साथ विचार- विमर्श करेंगे.

जगदानंद सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को कैसे आमजन तक पहुंचाया जाये, अस्पतालों को कैसे सुविधाजनक बनाया जाये, इस दिशा में विमर्श किया जायेगा. स्वास्थ्य सेवाओं का मूल्य भी कम करने और स्वास्थ्य को लेकर कैसे सरकार को गंभीर बनाया जाये, से जुड़े मुद्दे इस भेंटवार्ता के केंद्र में होंगे. बता दें कि नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट को लेकर तेजस्वी ने एक ट्वीट भी किया है और सरकार पर तंज कसा है.

Also Read: बिहार उपचुनाव: लालू यादव करेंगे राजद उम्मीदवार का फैसला, दिल्ली में संभावित प्रत्याशियों से की मुलाकात!

गौरतलब है कि नीति आयोग ने हाल में ही एक आंकड़ा पेश किया है. जिसमें उन राज्यों का नाम सामने लाया गया है जो इंडिया पब्लिक हेल्थ स्टेंडर्ड 2012 के गाइडलाइन्स में दिये मानकों के तहत आबादी के हिसाब से अस्पताल में बेड नहीं रख पाए हैं. इसमें बिहार का नाम सबसे नीचले पायदान पर है जहां जिलेवार प्रति 1 लाख आबादी पर 22 के जगह केवल 6 बेड ही मुहैया कराया गया है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version