Revenue Department: ऑनलाइन सेवाओं में लापरवाही पर राजस्व विभाग का सख्त संदेश, निलंबन की चेतावनी
Revenue Department Bihar Bhumi Update: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अंचल कार्यालयों में सीएससी-वीएलई को प्रमुख स्थान देने के आदेश का पालन न होने पर कड़ा रुख अपनाया है. विभाग को मिली शिकायतों के बाद अपर मुख्य सचिव ने सभी कलेक्टरों को सख्त निर्देश दिए हैं और पालन न करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है.
Revenue Department Bihar Bhumi Update: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पहले ही सभी अंचल कार्यालयों को यह निर्देश दिया था कि आम लोगों को ऑनलाइन सेवाओं का लाभ आसानी से मिले. इसके लिए चुने गए सीएससी–वीएलई को ऑफिस में एक सही और दिखाई देने वाली जगह पर बैठाया जाए. यह इसलिए जरूरी था ताकि रैयत और भू-धारक बिना किसी परेशानी के सीएससी के माध्यम से अपने जरूरी काम करा सकें.
विभाग का मकसद ही रह गया अधूरा
विभाग को हाल ही में जो फीडबैक मिला, वह संतोषजनक नहीं था. अधिकतर अंचल अधिकारियों ने इस आदेश पर ठीक से अमल ही नहीं किया. कई जगहों पर वीएलई को बैठने की सही व्यवस्था नहीं की गई और कुछ अंचलों में तो ऐसा स्थान दिया गया जहां उन्हें लोग देख भी नहीं पाते. इससे विभाग का पूरा मकसद ही अधूरा रह गया. इसी स्थिति को देखते हुए विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इसे गंभीरता से लिया है.
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अधिकांश अधिकारियों ने आदेश नहीं माना
अपर मुख्य सचिव ने अपने नए निर्देश में कहा है कि यह मामला सीधा-सीधा विभागीय आदेश की अवहेलना और अनुशासनहीनता के समान है. वीएलई को उचित स्थान देने संबंधी आदेश पहले 30 अप्रैल 2025 को जारी किया गया था और फिर 18 नवंबर 2025 को दोबारा दोहराया गया. इसके बावजूद अधिकांश अधिकारियों ने इसे लागू नहीं किया.
नए आदेश में सभी कलेक्टरों को सख्ती से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिले के सभी अंचल अधिकारियों को तुरंत निर्देशित करें कि एक चुने हुए सीएससी-वीएलई को अंचल कार्यालय में ऐसे स्थान पर बैठाया जाए जहां से वह लोगों को आसानी से दिखाई दें और बिना किसी दिक्कत के काम कर सकें. यह व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित की जाये ताकि आम जनता को ऑनलाइन सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सके.
अपर मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि 28 नवंबर तक सभी समाहरणालय को इस आदेश की रिपोर्ट भेजें. जो अंचल अधिकारी इस निर्देश को नजरअंदाज करेंगे, उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी. आदेश में यह भी कहा गया है कि पालन नहीं करने वालों के खिलाफ तत्काल निलंबन की कार्रवाई और अनुशासनिक कार्यवाही शुरू करने के लिए आरोपपत्र भेजा जाएगा.
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