Bihar Tourism: पटना के इस स्थान पर कभी अंग्रेज रखा करते थे अनाज, आज बन गया है पर्यटन स्थल

Bihar Tourism: पटना का गोलघर बिहार ही नहीं, बल्कि देशभर में मशहूर ऐतिहासिक स्थल है. 1786 में जॉन गारस्टिन द्वारा भंडारगृह के रूप में बनवाया गया था जहां अनाज रखा जाता था. अब यह पर्यटन स्थल के रूप मे जाना जाता है. लोग यहां पिकनिक मनाने आते है.

By JayshreeAnand | August 31, 2025 1:09 PM

Bihar Tourism: गोलघर अपने आकार, अनोखी बनावट और 145 सीढ़ियों के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है. गोलघर से पूरे शहर का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है और इसके हरे-भरे बाग-बगीचों में पिकनिक का भी आनंद लिया जा सकता है. अब यहां पर्यटकों के लिए लाइट और साउंड शो की सुविधा भी उपलब्ध है. गोलघर का आकार और इसकी वास्तुकला इसे अन्य ऐतिहासिक इमारतों से अलग बनाती है. यह विशाल गोलाकार भंडारगृह शहर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है. इसके चारों ओर बनी 145 सीढ़ियां पर्यटकों को ऊपर तक ले जाती हैं, जहां से आप पटना शहर का 360 डिग्री दृश्य देख सकते हैं.

अकाल के समय किया गया था निर्माण

गोलघर का निर्माण किसी पर्यटन स्थल के रूप में नहीं, बल्कि लोगों को भूखमरी से बचाने के लिए किया गया था. 1770 के भयंकर अकाल में बंगाल, बिहार और आज के बांग्लादेश में करीब एक करोड़ लोग मारे गए थे. उस समय भारत के गवर्नर-जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने ब्रिटिश सेना के अनाज संग्रह के लिए इस छत्ते जैसे आकार की इमारत बनवाने का आदेश दिया. इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के इंजीनियर कप्तान जॉन गारस्टिन ने डिजाइन और बनवाया, और इसकी क्षमता लगभग 1,40,000 टन अनाज रखने की है.

बिना खंभे के है मजबूत

गोलघर अपनी मजबूत और टिकाऊ वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है. यह बिना किसी खंभे के ही भारी मात्रा में अनाज का वजन संभाल सकता है. इसकी मोटी दीवारें और छत्ते जैसी आकृति इसे बेहद मजबूत बनाती हैं, जिससे यह सदियों तक खड़ा रह सकता है.

पिकनिक का आनंद ले सकते हैं यहां

सिर्फ इतिहास ही नहीं, गोलघर अपने आसपास के हरे-भरे बाग-बगीचों के कारण भी लोगों को लुभाता है. यहां आप परिवार या दोस्तों के साथ पिकनिक का आनंद ले सकते हैं. इसके अलावा, अब गोलघर में लाइट और साउंड शो की सुविधा भी शुरू हो गई है, जो इतिहास और वास्तुकला को और जीवंत रूप में दिखाता है.

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