बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार का सहरसा में घेराव, गाड़ी के आगे लेट गए सफाई कर्मी

Bihar Politics: सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार का काफिला स्थानीय स्वच्छता कर्मियों के विरोध प्रदर्शन में फंस गया. वेतन कटौती और सुविधाओं की कमी को लेकर नाराज कर्मियों ने वाहन के सामने लेटकर मंत्री के आगे बढ़ने से रोक दिया, जिससे मौके पर तनावपूर्ण स्थिति बन गई.

By Abhinandan Pandey | September 12, 2025 6:31 PM

Bihar Politics: सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर में शुक्रवार को आयोजित एनडीए विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन से लौटते समय बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार का काफिला अचानक स्थानीय स्वच्छता कर्मियों के विरोध प्रदर्शन के कारण फंस गया. हाई स्कूल के ग्राउन्ड में भाषण देने के बाद जैसे ही मंत्री मंच से वाहन की ओर बढ़े, तभी पहले से जमा स्वच्छता कर्मियों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी. कुछ कर्मी वाहन के सामने लेट गए, जबकि कई गाड़ी के किनारों से चिपक गए, जिससे मौके पर अफरातफरी मच गई.

मंत्री श्रवण कुमार ने स्थिति को भांपते हुए तेजी से वाहन पर चढ़कर आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन भीड़ के बीच गाड़ी को आगे बढ़ाना मुश्किल हो गया. मौके पर मौजूद पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत मोर्चा संभाला और पंद्रह मिनट की मशक्कत के बाद काफिला सुरक्षित आगे बढ़ सका.

स्वच्छता कर्मियों की मांगें और नाराजगी

प्रदर्शन में शामिल कर्मियों का आरोप था कि सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. उनका कहना था कि पहले उन्हें नियमित रूप से वेतन मिलता था, लेकिन अब मानदेय घटाकर असमान्य रूप से कम कर दिया गया है. इसके अलावा, महीनों से समय पर भुगतान न होने, स्वास्थ्य बीमा और सुरक्षा सामग्री जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी पर भी वे नाराज थे.

स्वच्छता कर्मियों ने स्पष्ट किया कि वे स्थायीकरण, मानदेय पूर्ववत नियमित भुगतान और बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है.

सम्मेलन और राजनीतिक संदर्भ

यह विरोध प्रदर्शन उच्च विद्यालय मैदान में आयोजित एनडीए विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान हुआ. सम्मेलन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद थे. भाषण में मंत्री श्रवण कुमार ने संगठन को मजबूत बनाने और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

घटना ने स्थानीय स्तर पर राजनीतिक चर्चाओं को तेज कर दिया है. पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया, लेकिन स्वच्छता कर्मियों की नाराजगी और उनके प्रदर्शन ने सरकारी नीतियों और कर्मचारियों के अधिकारों पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं.

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