Mokama Murder: दुलारचंद पर दर्ज हैं हत्या, रंगदारी सहित 11 मामले, अनंत सिंह के भाई के खिलाफ लड़ा था चुनाव

Mokama Murder: दुलारचंद ने शुरुआती दिनों में ठेकेदारी और कोल सप्लाई के व्यवसाय के जरिये आर्थिक रूप से खुद को मजबूत किया. दुलारचंद यादव पर हत्या, रंगदारी, अवैध हथियार, भूमि विवाद, और चुनावी हिंसा जैसे आरोप शामिल है.

By Ashish Jha | October 31, 2025 9:01 AM

Mokama Murder: पटना. दुलारचंद पर हत्या, रंगदारी जैसे 11 संगीन मामले दर्ज थे. 80 के दशक में दुलारचंद का टाल इलाके में दहशत का सामराज्य था. वे माओवादी विचार का समर्थक रहे थे. 1990 मे वह कोर्ट से जमानत के बाद राजनीतिक जीवन बीता रहा थे और हाल के दिनों में जनसुराज के प्रत्याशी पीयूष के साथ चुनाव प्रचार कर रहे थे. दुलारचंद व अनंत सिंह के बीच पुरानी अदावत थी. 1990 में अनंत सिंह के भाई दिलीप सिंह के खिलाफ वे चुनाव भी लड़े थे, पर हार गये थे. कई दिनों से दोनों के बीच जुबानी जंग चल रही थी.

कोल सप्लाइ के व्यवसाय से आर्थिक मजबूती मिली

मूल रूप से मोकामा के घोसवरी निवासी दुलारचंद यादव किसान परिवार से आते थे. पिता रामकृष्ण यादव स्थानीय स्तर पर समाजसेवी माने जाते थे. दुलारचंद ने शुरुआती दिनों में ठेकेदारी और कोल सप्लाई के व्यवसाय के जरिये आर्थिक रूप से खुद को मजबूत किया. दुलारचंद यादव पर हत्या, रंगदारी, अवैध हथियार, भूमि विवाद, और चुनावी हिंसा जैसे आरोप शामिल है. 2009 के मोकामा विधानसभा चुनाव के दौरान गोलाबारी और बूथ कब्जे की घटना मे भी उनका नाम चर्चाओं में रहा.

कांग्रेस नेता की हत्या में भी नामजद थे दुलारचंद

1991 में 16 नवंबर को लोकसभा पंडारक स्थित मतदान केंद्र पर कांग्रेस नेता सीताराम सिंह की गोली मारकर हत्या हो गयी थी. इस मामले में दुलारचंद समेत चार को नामजद अभियुक बनाया गया था. हालांकि बाद में दो लोगों को बरी कर दिया गया था. 2015 में बाढ़ अनुमंडल में हुए संजय सिंह हत्या कांड और 2018 में मोकामा थाना कांड संख्या- 152/18 (आर्म्स एक्ट) में भी उनका नाम उभरा था. हालांकि कई मामलों में वे बरी हो गए, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में स्थानीय दबंग नेता के रूप में उनका नाम लंबे समय तक बना रहा.

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