पटना में चोरों के इंटरनेशनल गैंग का भंडाफोड़, चेसिस और इंजन नंबर बदल बना देता था कार का नया कागजात

पुलिस पूरे गिराेह के नेटवर्क काे खंगालने में जुटी है. गिरोह ने पटना, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर और आसपास जिलाें में करीब 50 कारें व लग्जरी गाड़ियां चुरायी हैं. मिली जानकारी के अनुसार गिरोह ने अब तक 100 से अधिक कार की चोरी कर उन्हें नेपाल में बेच दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 26, 2023 8:34 PM

पटना में कार चोर के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ गर्दनीबाग थाने की पुलिस ने किया है. यह गैंग अंतरराष्ट्रीय है. बिहार से कार चोरी कर नेपाल में बेचने वाले गिरोह के सरगना समेत तीन को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार चाेराें का सरगना निखिल व सदस्य रौशन दोनों हाजीपुर के रहने वाले हैं. इसके अलावा जितेंद्र साेनपुर का रहने वाला है. इन तीनाें के ठिकाने से पुलिस ने एक स्काॅर्पियाे, एक वैगन आर, एक स्विफ्ट डिजायर और एक फाॅर्च्यूनर को बरामद किया है. इस गिराेह में अभी आठ-दस और चाेर हैं जाे इससे जुड़े हैं.

नेटवर्क को खंगालने में जुटी पुलिस 

थानेदार रंजीत कुमार ने बताया कि पुलिस पूरे गिराेह के नेटवर्क काे खंगालने में जुटी है. गिरोह ने पटना, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर और आसपास जिलाें में करीब 50 कारें व लग्जरी गाड़ियां चुरायी हैं. मिली जानकारी के अनुसार गिरोह ने अबतक 100 से अधिक कार की चोरी कर उन्हें नेपाल में बेच दिया है.

ऑनलाइन चुराता था रजिस्ट्रेशन, इंजन व चेसिस नंबर

गिरोह का सरगना निखिल ओएलएक्स से कार का नंबर, चेसिस व इंजन नंबर निकाल उसे चोरी की कार पर लगा देता था. इसके बाद उसी नंबर से कार के नये कागजात तैयार कर उसे नेपाल में बेच देता था. गिरोह के पास नेपाल का एक सिम, एक इलेक्ट्राॅनिक माॉनीटर, 29 नकली चाबी, छह मास्टर की, दाे लैपटाॅप, 8 एटीएम, 79 हजार के दाे चेक, चुंबक, फर्जी ऑनरबुक, फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के अलावा कार को स्टार्ट करने व लॉक तोड़ने वाली इलेक्ट्रॉनिक मशीन भी मिली हैं. शातिर चोरी की कार को पूरी तरह से बदल देता था. पुलिस ने बताया कि कार के असली मालिक को पता करने के लिए इंजन को खुलवा कर अंदर के नंबर को देखना होगा.

Also Read: औरंगाबाद में सुरक्षाबलों ने नाकाम की नक्सलियों के हमले की साजिश, हथियार और विस्फोटक छोड़ भागे नक्सली
मॉनिटर पर देखता था गेट के लॉक का मूवमेंट

पूछताछ में इन तीनाें ने बताया कि इलेक्ट्राॅनिक माॅनीटर से देखकर यह पता लगा लेते हैं कि गेट का लाॅक कैसे बंद है. इसके बाद उसे खोलते हुए मॉनीटर पर देखता था, ताकि आसानी से वह खुल जाये. उसके बाद उसे उसी हिसाब से लाॅक काे खाेला जाता है. कार के गेट खाेलने के बाद स्टीयरिंग लाॅक काे भी या ताे ताेड़ दिया जाता है या फिर खाेल लिया जाता है. 15-20 मिनट में दाेनाें काम हाेने के बाद एक्स्पर्ट चालक गाड़ी काे लेकर भाग जाता है. इन लोगों ने यू-ट्यूब से कार का लाॅक खाेलने का हुनर सीखा है. पूछताछ में निखिल और जितेंद्र ने बताया कि वे लोग 2020 में पहली बार नाला राेड में कार चाेरी करने आये थे.

Next Article

Exit mobile version