बिहार में अर्थव्यवस्था की गाड़ी अब धीरे-धीरे पटरी पर : सुशील मोदी, अप्रैल के मुकाबले जून में रोजाना औसतन करीब 315% की हुई बढ़ोतरी

पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दो महीने से ज्यादा के लॉकडाउन के बाद अब अर्थव्यवस्था की गाड़ी धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी है. अप्रैल में जहां रोजाना औसतन 135.80 करोड़ का, मई में दोगुना से ज्यादा 310.63 करोड़ का, तो जून के मात्र नौ दिनों में 427.69 करोड़ का माल बाहर से बिहार में बिकने के लिए आया.

By Kaushal Kishor | June 10, 2020 6:59 PM

पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दो महीने से ज्यादा के लॉकडाउन के बाद अब अर्थव्यवस्था की गाड़ी धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी है. अप्रैल में जहां रोजाना औसतन 135.80 करोड़ का, मई में दोगुना से ज्यादा 310.63 करोड़ का, तो जून के मात्र नौ दिनों में 427.69 करोड़ का माल बाहर से बिहार में बिकने के लिए आया.

Also Read: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का तेजस्वी पर पलटवार, कहा- हमको कहता है बाहर नहीं निकले हैं, …खुद कहां रहता है भाग करके…

इसी प्रकार कर संग्रह भी अप्रैल की तुलना में मई में तीन गुना से ज्यादा की वृद्धि हुई है. यानी, अप्रैल के मुकाबले नौ जून तक रोजाना औसतन करीब 315 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

Also Read: गरीबों का नाम लेकर लालू ने AK-47 वालों की सरकार चलायी : सुशील कुमार मोदी

मोदी ने कहा कि अप्रैल में बाहर से 4,074 करोड़ का माल बिकने के लिए आया, जिनमें मुख्य रूप से खाद्य सामग्री, दवा, चिकित्सा उपकरण और उर्वरक आदि थे, तो मई में दुगुना से ज्यादा 9,630 करोड़ का माल आया, जिनमें आयरन एंड स्टील, इलेक्ट्रिकल सामान, सीमेंट, कपड़ा और वाहन आदि 6568 करोड़ के थे. इस सेक्टर को निर्माण कार्य शुरू होने का लाभ मिला.

Also Read: COVID-19 से दरभंगा में एक और मौत, कुल मृतकों की संख्या 34 हुई, 128 नये मामलों के साथ सूबे में 5583 कोरोना पॉजिटिव

पिछले साल के अप्रैल की तुलना में इस साल अप्रैल में कर संग्रह में 81.61 फीसदी की कमी थी. वहीं, मई में काफी सुधार के साथ यह कमी मात्र 42.14 प्रतिशत की रही. अप्रैल 2020-21 में वाणिज्य कर, ट्रांसपोर्ट, निबंधन, खनन और भू-राजस्व से जहां 467.61 करोड़ का कर संग्रह हुआ था. वहीं, मई में यह करीब तीन गुना बढ़ कर 1317.72 करोड़ रहा.

Also Read: बिहार के चार जिलों में केंद्रीय टीम करेगी COVID-19 का नियंत्रण और प्रबंधन

अप्रैल में निबंधन से मात्र चार करोड़, तो मई में 60.78 करोड़, ट्रांसपोर्ट में 31 करोड़, तो मई में 60 करोड़ और वाणिज्य कर में 256.21 करोड़ की जगह मई में 693.90 करोड़ का संग्रह हुआ है, जो यह दर्शा रहा है कि अब अर्थव्यवस्था गति पकड़ रही है.