Chirag Paswan: चिराग पासवान ने मुआवजा नियमों को बताया अमानवीय, पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग
Chirag Paswan: चिराग ने पत्र में कहा कि हाजीपुर बिहार के प्रमुख नगरों में गिना जाता है, जहां आधारभूत संरचना की उपेक्षा किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने जल निकासी की समुचित व्यवस्था, सड़कों की मरम्मत और नियमित निगरानी की जरूरत पर बल दिया और उम्मीद जताई कि मंत्री स्तर पर तत्काल कार्रवाई होगी.
Chirag Paswan, अनुज शर्मा, पटना: केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री एवं लोक जनशक्ति पार्टी (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक बार फिर जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. 20 जून को उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नगर विकास मंत्री जिवेश कुमार को दो अलग-अलग पत्र लिखकर सड़क दुर्घटना मुआवजा नियमों में हाल में हुए बदलाव से असहमति और हाजीपुर में बदहाल सड़कों की स्थिति को लेकर नाराजगी जतायी है.
मानसिक तनाव देने वाली है प्रक्रिया
चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में लिखा है कि सड़क दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को त्वरित राहत देने की पुरानी व्यवस्था सरल और प्रभावी थी. पूर्व में जिलाधिकारी या अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा तत्काल मुआवजा दिया जाता था जिससे पीड़ित परिवार को संकट की घड़ी में राहत मिलती थी. परंतु हालिया संशोधन में अब मुआवजा परिवहन विभाग द्वारा संबंधित वाहन मालिक अथवा बीमा कंपनी से वसूली के बाद ही दिया जाएगा, जिसके लिए दावा ट्रिब्यूनल की प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य कर दिया गया है. यह प्रक्रिया न केवल जटिल है बल्कि लंबी और मानसिक तनाव देने वाली भी है.
चिराग ने सीएम से किया अनुरोध
चिराग ने इसे ‘अमानवीय’ करार देते हुए कहा कि दुर्घटना झेल रहे परिवार पहले ही गहरे मानसिक और आर्थिक संकट से गुजरते हैं. ऐसे में नियमों को कठोर बनाकर राहत की प्रक्रिया को बाधित करना संवेदनहीनता का परिचायक है. उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि पूर्व व्यवस्था को बहाल किया जाए, जिससे राज्य सरकार की संवेदनशील छवि बरकरार रहे और पीड़ितों को शीघ्र सहायता मिल सके.
हाजीपुर में आधारभूत संरचना की उपेक्षा किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं
दूसरे पत्र में चिराग ने नगर विकास मंत्री जिवेश कुमार का ध्यान हाजीपुर और उसके आसपास की सड़कों की जर्जर स्थिति की ओर दिलाया है. उन्होंने लिखा है कि बरसात के मौसम में हालात और भयावह हो जाते हैं, जब गड्ढों और जलजमाव से दुर्घटनाएं और दैनिक यातायात अवरुद्ध हो जाता है. यह न केवल आमजन की परेशानी है बल्कि बच्चों, मरीजों और व्यापारिक गतिविधियों को भी प्रभावित कर रहा है.
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