Bridge Policy: बिहार में ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी तैयार, पुलों की रियल टाइम होगी निगरानी, बनेगा हेल्थ कार्ड
Bridge Maintenance Policy: विभाग का मानना है कि इस पॉलिसी के आने पर पुलों के जीवन अवधि में वृद्धि हो जाएगी. पुलों का स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट होगा. पहले चरण में 250 मीटर से अधिक लंबाई के 85 पुलों का थर्ड पार्टी स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट आईआईटी पटना और आईआईटी दिल्ली से कराया जाएगा. इसके तहत पुलों का डाटा संग्रह एकत्रित किया जाएगा.
Bridge Maintenance Policy: पटना. बिहार में पुलों के बेहतर रखरखाव के लिए ‘ब्रिज मेंटेनेंस’ पॉलिसी तैयार की गयी है. अब इसे राज्य कैबिनेट के समक्ष रखा जायेगा. जेपी गंगा पथ का निरीक्षण करने के दौरान पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने पुल नीति तैयार होने की जानकारी दी. आधिकारिक जानकारी के अनुसार बिहार में लगभग 3500 से अधिक छोटे-बड़े पुल हैं. नीति आने पर इन पुलों का हेल्थ कार्ड बनेगा. इससे ब्रिज की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिलती रहेगी. इस कार्ड के जरिए पुलों पर होनेवाले गड्ढे, जलजमाव, क्रैक समेत सभी त्रुटियों का ससमय पता लग सकेगा.
थर्ड पार्टी ऑडिट का भी प्रावधान
ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी के तहत पुलों में आयी गड़बड़ी संबंधित इंजीनियरों को इनकी मरम्मत की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. इस पॉलिसी को मंजूरी मिलने पर इंजीनियरों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि नीति का कुशलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा सके. इंडियन रोड कांग्रेस के कोड के आधार पर यह नीति लागू होगी, जिससे पुलों के रखरखाव एवं ब्रिज हेल्थ का रिकॉर्ड रखा जाएगा. इस पॉलिसी के अंतर्गत थर्ड पार्टी ऑडिट का भी प्रावधान होगा. इससे समय-समय पर पुलों में किसी प्रकार की क्षति होगी तो उसकी जानकारी पूर्व में ही प्राप्त हो जाएगी. हर महीने पुलों की रियल टाइम निगरानी होगी. इस नीति को बनाने में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी रूड़की, आईआईटी मद्रास और आईआईटी पटना से भी मदद ली गई है.
मेंटेनेंस प्रायोरिटी इंडेक्स का होगा मूल्यांकन
विभाग का मानना है कि इस पॉलिसी के आने पर पुलों के जीवन अवधि में वृद्धि हो जाएगी. पुलों का स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट होगा. पहले चरण में 250 मीटर से अधिक लंबाई के 85 पुलों का थर्ड पार्टी स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट आईआईटी पटना और आईआईटी दिल्ली से कराया जाएगा. इसके तहत पुलों का डाटा संग्रह एकत्रित किया जाएगा. पुलों का भार परीक्षण भी किया जाएगा. प्रत्येक पुल की रेटिंग की जाएगी. ब्रिज हेल्थ इंडेक्स और मेंटेनेंस प्रायोरिटी इंडेक्स का मूल्यांकन होगा. इसके बाद ही पुलों का हेल्थ कार्ड बनेगा. स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट कार्यका क्रियान्वयन पुल निर्माण निगम करेगा. पुलों का रेट्रोफिटिंग व जीर्णोद्धार एजेंसी के माध्यम से कराया जाएगा.
जेपी गंगा पथ को पूरी तरह सुरक्षित
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने जेपी गंगा पथ को पूरी तरह सुरक्षित बताया है. मंत्री नेकहा कि ब्रिज में किसी प्रकार का कोई क्रैक नहीं है. जिस गैप या क्रैक की चर्चा हो रही थी, वह ब्रिज और रोड के बीच का गैप है. पुल संरचना के अंत में एब्यूटमेंट के डर्ट वाल व एप्रोच स्लैब के बीच का जो ज्वॉइंट है, वह एक्सपैंशन ज्वॉइंट के ढलाई से ढका हुआ था. यह ज्वॉइंट एक्सपैंशन और कंस्ट्रक्शन के लिए रखा जाता है. यह सामान्य गैप होता है, ताकि ब्रिज पर दबाव न पड़े. समय-समय पर इस गैप को भरा भी जाता है, ताकि वह गैप मेंटेन रहे. किसी को भी इसके निर्माण की गुणवत्ता पर संदेह नहीं करना चाहिए. वैसे विभागीय अधिकारियों से इस संबंध में एक रिपोर्ट मांगी गई है. इस पथ के थर्ड पार्टी ऑडिट की भी अनुशंसा की गई है.
