Bihar Tourism: विदेशी सैलानियों की पहली पसंद बना बिहार! गोवा को भी पछाड़ा, 2024 में पहुंचे रिकॉर्ड 7.37 लाख विदेशी मेहमान

Bihar Tourism: बिहार वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर धीरे-धीरे अपनी खोई पहचान वापस पा रहा है. कोविड के सन्नाटे को चीरते हुए विदेशी पर्यटकों की संख्या में आई 1.9 लाख की भारी बढ़ोतरी कुछ इसी ओर इशारा कर रही है.

By Pratyush Prashant | December 30, 2025 8:49 AM

Bihar Tourism: भारत में विदेशी पर्यटकों का आगमन एक बार फिर रफ्तार पकड़ रहा है और इसका सीधा असर बिहार के पर्यटन आंकड़ों में भी दिख रहा है.

इंडिया टूरिज्म स्टैटिस्टिक्स के ताजा आंकड़ों के अनुसार, बिहार में वर्ष 2024 के दौरान 7.37 लाख विदेशी पर्यटक पहुंचे, जो 2023 के मुकाबले 1.9 लाख अधिक है. कोविड-19 के बाद यह वृद्धि बिहार के पर्यटन क्षेत्र के लिए बड़े पुनरुद्धार का संकेत मानी जा रही है.

कोविड से पहले जैसा माहौल लौटता दिखा

पिछले एक दशक के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2011 से 2019 के बीच बिहार में विदेशी पर्यटकों की संख्या लगातार 7 से 11 लाख के बीच बनी रही थी. वर्ष 2019 में यह आंकड़ा 10.93 लाख तक पहुंच गया था. इसके बाद कोविड-19 महामारी ने पर्यटन उद्योग को गहरी चोट पहुंचाई. वर्ष 2020 में विदेशी पर्यटकों की संख्या घटकर 3.08 लाख रह गई, जबकि 2021 में यह लगभग शून्य के बराबर 0.01 लाख पर सिमट गई.

2022 में धीरे-धीरे सुधार की शुरुआत हुई और संख्या 0.87 लाख तक पहुंची. 2023 में इसमें तेज उछाल देखने को मिला और 5.47 लाख विदेशी पर्यटक बिहार आए. वर्ष 2024 में यह संख्या और आगे बढ़ते हुए 7.37 लाख तक दर्ज की गई, जो साफ तौर पर पर्यटन की वापसी का संकेत देती है.

बोधगया फिर बना वैश्विक आकर्षण

पर्यटन विशेषज्ञ अभिजीत कुमार के अनुसार बिहार में विदेशी पर्यटकों की बढ़ती संख्या के पीछे सबसे बड़ा कारण बोधगया केंद्रित बौद्ध सर्किट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी रुचि है. श्रीलंका, थाईलैंड, जापान, म्यांमार और वियतनाम जैसे देशों से बौद्ध तीर्थयात्रियों की वापसी ने बिहार के पर्यटन को नई ऊर्जा दी है.

इसके साथ ही गया और पटना एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कनेक्टिविटी में सुधार तथा सड़कों और ठहरने की सुविधाओं के विस्तार ने भी अहम भूमिका निभाई है.

धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन ने बढ़ाई रौनक

बीते दो वर्षों में बिहार में धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों की संख्या बढ़ी है. राजगीर, नालंदा, वैशाली और पावापुरी जैसे ऐतिहासिक स्थलों पर अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्री समूहों की वापसी देखने को मिली है. इससे न सिर्फ होटल और ट्रैवल सेक्टर को मजबूती मिली, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं.

2024 बना पुनरुद्धार का साल

बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पीके अग्रवाल का मानना है कि यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बौद्ध सर्किट का प्रमोशन, विदेशों में लक्षित मार्केटिंग, क्रूज टूरिज्म और हेरिटेज वॉक जैसी पहलों को और गति दी जाए, तो बिहार जल्द ही महामारी-पूर्व स्तर को भी पार कर सकता है.

2024 बिहार के लिए पर्यटन पुनरुद्धार का वर्ष साबित हुआ है और यह संकेत देता है कि वैश्विक यात्रियों के नक्शे पर बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत एक बार फिर मजबूती से उभर रही है.

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