Bihar Success Story: रोहतास की ये बेटी बनीं रोल मॉडल, प्रोफेसर बन स्टूडेंट्स को दिखाएंगी नई दिशा, सक्सेस का क्रेडिट पति को दिया
Bihar Success Story: रोहतास जिले की डॉ. हेमा कुमारी ने बड़ी सफलता हासिल कर पटना यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद हासिल किया. वे बिहार की बेटियों के लिए रोल मॉडल बन गईं हैं. हेमा अपनी सक्सेस का क्रेडिट अपने पति और परिवार को देती हैं. आज शिक्षक दिवस के अवसर पर आइए उनसे जुड़ी खास बातें जानते हैं...
Bihar Success Story: बिहार के रोहतास जिले की डॉ. हेमा कुमारी अब राज्य की बेटियों के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं. बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा आयोजित चयन प्रक्रिया में सफलता हासिल कर पटना यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद हासिल किया है. यह उपलब्धि न सिर्फ उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है, बल्कि जिले की तमाम बेटियों के लिए एक प्रेरणा भी हैं.
पति और परिवार को सफलता का श्रेय
एक शिक्षिका के रूप में उनका यह दूसरा सफर होगा और अनगिनत छात्रों के भविष्य को रोशन करेंगी. वे अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पति अशोक कुमार और पूरे परिवार के सकारात्मक सहयोग को देती हैं. डॉ. हेमा कुमारी भोजपुर जिले के बिहियां की बेटी हैं और रोहतास जिले के सासाराम निवासी वरीय अधिवक्ता रहे स्व. अमिरचंद राम की बहू हैं. वर्तमान में वे बिहार शिक्षा सेवा प्राइमरी टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, शेरघाटी में प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं.
पिता ने हमेशा किया मोरल सपोर्ट
रोहतास की हेमा अपनी इस सफलता को लेकर कहती हैं कि इस सफलता को पाने में उनके पूरे परिवार ने सपोर्ट किया. उनकी शादी से पहले उनके पिता और मां ने पूरा सपोर्ट किया. पिताजी ने मोरल सपोर्ट किया, पढ़ाई-लिखाई करवाई और हर एक कदम पर पूरा साथ दिए. इसके साथ ही हेमा की शादी के बाद उनके पति ने पूरा सपोर्ट किया. साथ ही उनके बच्चे और परिवार के लोग भी हमेशा उन्हें मोटिवेट करते रहे.
भोजपुर से शुरू हुई हेमा की पढ़ाई
हेमा मूल रूप से भोजपुर की रहने वाली हैं. उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय, बिहिया से 12वीं तक पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन पटना के मगध महिला कॉलेज से की. हेमा ने बी. एससी पूरा किया. इस दौरान वे कॉलेज के कैंपस हॉस्टल में रहीं. इसे बाद हेमा ने पटना साइंस कॉलेज से एम. एससी भी कंपलीट की.
पढ़ाई के बीच ही हुई शादी
एम. एससी की पढ़ाई के दौरान ही डॉ. हेमा कुमारी की शादी हो गई. सासाराम निवासी वरीय अधिवक्ता रहे स्व. अमिरचंद राम के बेटे अशोक कुमार से हेमा की शादी हुई. शादी के बाद उन्होंने पति से अपनी पढ़ाई जारी रखने की बात कही. जिस पर उनके पति अशोक ने भी पूरा सपोर्ट किया. जिसका नतीज यह रहा कि उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी.
शादी के बाद भी जारी रखी पढ़ाई
एम. एससी कंपलीट करने के बाद हेमा ने वीमेन ट्रेनिंग कॉलेज से बीएड भी किया. इसके बाद पीजी डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन से एमएड की पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद उन्हें पहली सफलता हाथ लगी और वे साल 2007 में एक स्कूल में प्लस 2 की शिक्षिका बनीं. इसके बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और नेट जीआरएफ साल 2010 में क्लियर किया. इसके बाद पीएचडी की भी पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद बतौर लेक्चरर वे 1 जुलाई 2020 को नौकरी ज्वाइन की और अब तक अपने पद पर बनी हुई है. ऐसे में अब उन्होंने बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा आयोजित चयन प्रक्रिया में सफलता हासिल कर पटना यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद हासिल किया.
परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए पाई सफलता
इस तरह से हर एक पायदान पर अपनी कड़ी मेहनत और लगन से सफलता हासिल की. कहा जाता है कि शादी के बाद जिम्मेदारियां काफी ज्यादा बढ़ जाती है. पूरे परिवार का ख्याल रखते हुए और हर एक जिम्मेदारी को जस्टिफाई करते हुए हेमा ने सफलता हासिल की. डॉ. हेमा कुमारी के दो बच्चे हैं. एक बेटी 11 साल है जबकि उनका बेटा 16 का है.
कई स्टूडेंट्स का करेंगी मार्गदर्शन
हेमा का कहना है कि वे अपने बिजी शेड्यूल में से किसी भी तरह से पढ़ाई के लिए समय जरूर ही निकाल लेती थी. परिवार से जुड़ी तमाम जिम्मेदारियों को निभाते हुए और पूरे परिवार के सपोर्ट से मनचाहा मुकाम हासिल किया. आज शिक्षक दिवस के मौके पर हेमा की सफलता की चर्चा पूरे जिले में हो रही. असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर रहते हुए अब वे कई स्टूडेंट्स का मार्गदर्शन करेंगी.
(पटना से राजकमल की रिपोर्ट)
