बिहार में अब फास्टैग की मदद से दबोचे जाएंगे शराब तस्कर, बंगाल चुनाव के कारण झारखंड बना तस्करी का मुख्य मार्ग

पुलिस व उत्पाद विभाग की टीम बाहर से आने वाले शराब तस्करों के एक रूट व एक पैटर्न को पकड़ रही है तो मात्र एक सप्ताह से दस दिन के भीतर ही तस्कर अपना रूट और पैटर्न बदल दे रहे हैं. रास्ता बदलने के साथ वाहन के प्रकार और छुपाने का तरीका भी बदल दिया जाता है.

By Prabhat Khabar | March 28, 2021 7:57 AM

पुलिस व उत्पाद विभाग की टीम बाहर से आने वाले शराब तस्करों के एक रूट व एक पैटर्न को पकड़ रही है तो मात्र एक सप्ताह से दस दिन के भीतर ही तस्कर अपना रूट और पैटर्न बदल दे रहे हैं. रास्ता बदलने के साथ वाहन के प्रकार और छुपाने का तरीका भी बदल दिया जाता है.

बंगाल में चुनाव होने के कारण झारखंड को बनाया मुख्य मार्ग

मद्य निषेध विभाग के एसपी संजय कुमार बताते हैं कि पश्चिम बंगाल में चुनाव होने के कारण वहां से लगे राज्य के सीमावर्ती जिलों में चौकसी बढ़ जाने से अब झारखंड के रास्ते शराब की आवक बढ़ गयी है. उसमें भी तस्कर झारखंड से आने वाले मुख्य रास्ते मसलन रजौली, बांका, चकाई आदि मुख्य मार्ग से प्रवेश नहीं कर चतरा, सतगांवा, गिरीडीह आदि कई ऐसे छोटे रास्तों को अपना मार्ग बना रहे हैं. जहां अब तक पुलिस व उत्पाद विभाग की नजर नहीं रही है.

फास्टैग से पकड़ने की कोशिश

उत्पाद विभाग के अधिकारी बताते हैं कि शराब तस्करी को ब्रेक करने के लिए फास्टैग को भी अपना हथियार बनाने की कोशिश हो रही है. उत्पाद विभाग की कोशिश है कि फास्टैग से निबंधित वाहनों को भी नजर रखा जाये. ऐसे में निबंधित वाहनों को पकड़ने में आसानी होगी. विभाग के अधिकारियों के अनुसार शराब तस्कर अब अपने ट्रक व बड़े वाहनों को छोड़ कर छोटे वाहनों से तस्करी की अधिक घटनाएं हो रही हैं.

Also Read: Bihar Corona Update: बिहार में फिर पांव पसार रहा कोरोना, सामने आए 195 नये मामले, जानें राजधानी पटना सहित सभी जिलों के आंकड़े
सीमावर्ती जिलों में डंप हो रही शराब

मद्य निषेध विभाग के अधिकारी बताते हैं कि बीते दिनों पंजाब व हरियाणा से शराब भेजने वाले आधा दर्जन से अधिक बड़े तस्करों की गिरफ्तारी हुई है. वहां की राज्य सरकार भी अब इन मामलों का संज्ञान ले रही है. ऐसे में नयी सूचनाएं हैं कि पंजाब व हरियाणा से सीधे बिहार में शराब नहीं भेज कर ट्रक व बड़े वाहनों से झारखंड व यूपी में बिहार से लगे सीमावर्ती जिलों में शराब को ला कर पहले डंप किया जा रहा है. वहां कई जगहों पर मिनी शराब फैक्ट्री चल रही है. जहां मिलावट व नकली शराब बना कर छोटे वाहनों से राज्य में भेजने का काम किया जा रहा है.

झारखंड को अपना मुख्य रूट बना लिया

जनवरी के बाद पश्चिम बंगाल में चुनाव की गहमा गहमी हो गयी तो तस्करों से झारखंड को अपना मुख्य रूट बना लिया है. जबकि अगर पिछले साल एक जनवरी से लेकर 31 दिसंबर तक आये राज्य के आंकड़ों को देखा जाये तो इस दौरान झारखंड के रास्ते आयी 128295 लीटर विदेशी शराब जब्त की गयी थी, जो सीमावर्ती जिलों के मुकाबले 31 फीसदी थी.

अवैध कारोबारियों का ट्रेंड बदला

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2020 से पूरे वर्ष भर यूपी के रास्ते आयी 180716 लीटर विदेशी शराब को राज्य में जब्त की गयी थी. लेकिन, इस साल जनवरी माह में अवैध कारोबारियों का ट्रेंड बदल गया है. एक से लेकर 31 जनवरी तक पश्चिमी बंगाल के रास्ते राज्य में आयी सबसे अधिक 12088 लीटर अंग्रेजी शराब को जब्त किया गया है, जो अन्य दोनों सीमावर्ती राज्यों के मुकाबले 40 फीसदी है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version