बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच हर जिले में पहुंची राहुल गांधी की टीम, भाजपा बोली- नौटंकी पार्टी बनकर रह गयी है कांग्रेस

पटना : बिहार विधानसभा की सरगर्मी के बीच कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की टीम बिहार पहुंच चुकी है. यह टीम राज्य के हर जिले में सर्वे का काम शुरू कर चुकी है. टीम के सदस्य राजनीतिक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं जो सीधे राहुल गांधी को सौंपेंगे. यह टीम प्रदेश नेतृत्व से अलग और स्वतंत्र होकर काम कर रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2020 8:37 PM

पटना : बिहार विधानसभा की सरगर्मी के बीच कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की टीम बिहार पहुंच चुकी है. यह टीम राज्य के हर जिले में सर्वे का काम शुरू कर चुकी है. टीम के सदस्य राजनीतिक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं जो सीधे राहुल गांधी को सौंपेंगे. यह टीम प्रदेश नेतृत्व से अलग और स्वतंत्र होकर काम कर रही है.

बिहार विधानसभा चुनाव में फिलहाल कांग्रेस महागठबंधन के साथ बनी हुई है. महागठबंधन में भी भगदड़ की स्थिति बनी हुई है. जीतन राम मांझी की हम पार्टी ने गुरुवार को महागठबंधन से नाता तोड़ लिया है. चुनाव घोषणा की अंतिम घड़ी चल रही है और महागठबंधन का स्वरूप भी तय नहीं हुआ है और नहीं अभी तक को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनी है.

ऐसी स्थिति में राहुल गांधी ने हर जिले में टीम के सदस्यों को भेजकर पार्टी की संभावनाओं की तलाश शुरू कर दी है. चुनाव के पूर्व यह एक ठोस कवायद की जा रही है जिसके आधार पर कांग्रेस राजद के साथ सीटों की तालमेल करेगी. प्रदेश स्तर पर संगठन की लचर व्यवस्था को देखते हुए आलाकमान ने स्वतंत्र रूप से सर्वे का काम शुरू कर दिया है. जानकारों का कहना है कि यह पहले दौर का सर्वे कराया जा रहा है जिसमें प्रोफेशनल लोगों को भी लगाया गया है.

भाई-बहन की नौटंकी पार्टी बनकर रह गयी है कांग्रेस : संजय जायसवाल

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने अगला कांग्रेस अध्यक्ष गांधी परिवार के बाहर होने संबंधित राहुल-प्रियंका के दिये बयान पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने इसे राजनीतिक नौटंकी बताते हुए कहा कि अगले कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा की तरफ से दिये जा रहे बयान, जनता की आंखों में धूल झोंकने की इनकी एक नयी कोशिश है. देश की जनता अच्छे से जानती है कि गांधी परिवार की निगाह में कांग्रेस उनकी घरेलू जागीर की तरह है. पार्टी पर गांधी परिवार की पकड़ बनाये रखने के लिए कांग्रेस में उन्हीं लोगों को महत्वपूर्ण पद दिये जाते हैं, जो पार्टी से ज्यादा ‘फैमिली’ के वफादार हों.

राहुल-प्रियंका जानते हैं कि जैसे ही वह अध्यक्ष पद की कुर्सी छोड़ने का ड्रामा करेंगे. उनके वफादार इसे महान त्याग बताते हुए, ऐसा न करने के लिए अपनी छाती पीटना शुरू कर देंगे. इसके बाद इसे कार्यकर्ताओं की मांग बताते हुए अध्यक्ष पद की कुर्सी फिर से गांधी परिवार के पास चली जायेगी. आज से 40-50 साल बाद भी यदि राहुल शादी करते हैं, तो उनके नहीं तो प्रियंका के बाल-बच्चे कांग्रेस अध्यक्ष पद पर दिखाये देंगे. राहुल-प्रियंका के झांसे में जनता नहीं आने वाली है. इसलिए अध्यक्ष पद की नौटंकी करने के बजाये कुछ देशहित के काम करें.

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