बिहार में लागू होगा ‘योगी मॉडल’? सम्राट चौधरी के गृह मंत्री बनते ही बुल्डोजर राजनीति पर तेज हुई चर्चा
Bihar Politics: बिहार सरकार में विभागों के बंटवारे के साथ बड़ा बदलाव सामने आया है. करीब 20 साल बाद पहली बार गृह विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हटकर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के पास चला गया है. इस फैसले ने प्रदेश की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है.
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में शुक्रवार को बड़ा बदलाव देखा गया. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई एनडीए सरकार में विभागों के बंटवारे के साथ ही वह परिवर्तन सामने आया, जिसकी चर्चा लंबे समय से हो रही थी. लगभग दो दशकों तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास रहने वाला गृह विभाग अब भाजपा विधायक दल के नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को सौंप दिया गया है. यह वही विभाग है जिसे 2005 से नीतीश ने राज्य की कानून-व्यवस्था सुधारने की रीढ़ माना था.
बिहार में ऐसा तीसरी बार हुआ है जब गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास नहीं है. इससे पहले 1967 और 1971 में भी गृह मंत्रालय अलग मंत्रियों को सौंपा गया था. अब 2025 में यह बदलाव हुआ है.
बीजेपी के प्रति नीतीश की उदारता या मजबूरी?
राजनीतिक गलियारों में इसे भाजपा के प्रति नीतीश कुमार की उदारता, या फिर भविष्य की सत्ता समीकरणों का संकेत माना जा रहा है. एनडीए में 89 सीटें जीतकर भी मुख्यमंत्री की कुर्सी जदयू को सौंपने वाली भाजपा द्वारा गृह विभाग हासिल करना कई तरह की सियासी चर्चाओं को हवा दे रहा है. भाजपा पिछले कुछ समय से इस पोर्टफोलियो की मांग कर रही थी, ठीक उसी तरह जैसे महाराष्ट्र में भी पार्टी ने गठबंधन सरकार में गृह को अपने पास रखा था.
सीएम नीतीश ने सख्त कानून-व्यवस्था लागू की
नीतीश कुमार नवंबर 2005 में सत्ता में आने के बाद से गृह विभाग से कभी अलग नहीं हुए. इसी दौरान उन्होंने ‘जंगलराज’ के तौर पर पहचाने जाने वाले दौर को समाप्त कर सख्त कानून-व्यवस्था लागू की. फास्ट-ट्रैक कोर्ट की स्थापना, पुलिस को कार्रवाई में खुली छूट और अपराधियों पर लगातार दबाव ने उनकी छवि ‘सुशासन बाबू’ के रूप में स्थापित की. दो दशक तक राज्य में कोई बड़ा सांप्रदायिक दंगा न होना इस छवि को और मजबूत करता है.
बिहार में शुरू होगा यूपी मॉडल?
अब यह जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के पास है. गृह विभाग सौंपे जाने के बाद भाजपा समर्थक इस कदम को ‘यूपी मॉडल’ की ओर बढ़ने के रूप में देख रहे हैं. योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर अपराधियों पर कड़ा शिकंजा कसने और बुलडोजर की चर्चा भी तेज है. हालांकि असली परीक्षा यह होगी कि सम्राट चौधरी किस तरह पुलिस-प्रशासन के साथ तालमेल बैठाकर नीतीश की स्थापित लकीर को और आगे बढ़ाते हैं.
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