Bihar Police: अब नए तेवर में दिखेगी बिहार पुलिस, इस तकनीक और हथियार की मदद से क्रिमिनल्स का करेंगे सफाया

Bihar Police: बिहार पुलिस अब नए फॉर्म में दिखेगी. विभाग पुलिसकर्मियों की क्लास लगवा रहा है. जिसके बाद अब नई तकनीक और नए हथियार के जरिये बिहार पुलिस क्रिमिनल्स का सफाया करेगी. बदलते जमाने की पुलिसिंग को मजबूत करने के लिए बेहद खास ट्रेनिंग दी जा रही है.

By Preeti Dayal | August 29, 2025 2:45 PM

Bihar Police: बिहार पुलिस अपग्रेड हो रही है. क्रिमिनल्स का सफाया करने के लिए विभाग की तरफ से पुलिसकर्मियों को बेहद खास ट्रेनिंग दी जा रही है. जिसके बाद अब बिहार पुलिस नए फॉर्म में दिखेगी. देश में अंग्रेजों के समय से चले आ रहे कानून को बदल दिया गया है. दरअसल, पुलिस विभाग अपने कर्मियों के लिए क्‍लास लगवा रहा है. जिसमें उन्‍हें आपराधिक कानूनों में भी बदलाव और भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNSS) की बारीकियां समझाई जा रही है.

मॉडर्न टेक्नोलॉजी के सीख रहे गुर

जानकारी के मुताबिक, इस ट्रेनिंग में पुलिसकर्मियों को सिर्फ कानून से जुड़ी जानकारियां ही नहीं बल्कि मॉडर्न टेक्नोलॉजी और नए तरीके से साक्ष्‍य सुरक्षित करने के गुर बताए जा रहे हैं. बदलते जमाने की पुलिसिंग को मजबूत करने के लिए सीआईडी के तहत एडवांस ट्रेनिंग स्कूल में यह ट्रेनिंग दी जा रही है. यहां हर महीने औसतन 350 पुलिस पदाधिकारियों को ट्रेनिंग होती है.

अब तक 3,137 पुलिसकर्मी ले चुके हैं ट्रेनिंग

दरअसल, पिछले तीन सालों से अब तक 3,137 पुलिसकर्मी ट्रेनिंग ले चुके हैं. अब 2 सितंबर से एटीएस में 173वां बैच शुरू होने जा रहा है. इससे पहले जुलाई में आयोजित 171वें बैच में सीधे नियुक्त 343 दारोगाओं को ट्रेनिंग दी गई थी.

इन तकनीकों का होगा इस्तेमाल

बिहार पुलिस अपने पदाधिकारियों को 15 दिनों की ट्रेनिंग देती है. जिसमें नए कानूनी ज्ञान और बीएनएसएस 2023 की प्रमुख धाराएं शामिल हैं. इसके अलावा डिजिटल फॉरेंसिक, सीसीटीवी विश्लेषण और मोबाइल डेटा ट्रैकिंग की भी ट्रेनिंग दी जा रही है. सबूतों को प्रमाणित करने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए नई तकनीक को भी शामिल किया जा रहा है. जिसमें डीएनए, फिंगरप्रिंट, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के प्रयोग की भी ट्रेनिंग दी जा रही है.

ट्रेनिंग को लेकर बनाई गई योजना

जानकारी के मुताबिक, बिहार पुलिस के पदाधिकारियों को नई दिल्ली के नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, एनसीआरबी, चंडीगढ़ स्थित सीडीटीआई, हैदराबाद और मेघालय स्थित ट्रेनिंग सेंटरों में भी ट्रेनिंग दी जा रही है. इतना ही नहीं, आने वाले दिनों के लिए योजना बनाई गई है कि दो हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को इन संस्थानों से ट्रेनिंग दी जाए.

पुलिस विभाग का लक्ष्य

एडीजी-सीआईडी पारसनाथ के मुताबिक, पुलिस विभाग का लक्ष्य है कि अगले साल तक 2 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग दी जाए. बिहार पुलिस के इस फैसले से बिहार की पुलिसिंग बेहतर होगी. इसके लिए विशेष मॉड्यूल तैयार किया गया है. मॉडर्न टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पुलिस को अपराधियों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करना आसान होगा. इससे उन्‍हें जल्‍द ही सजा भी दिलाई जा सकेगी.

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