Bihar News: पीएम मोदी की रैली में छूमंतर ने उड़ाए 29 फोन, पलक झपकते ही तोड़ देता है लॉक

Bihar News: पूर्णिया पुलिस ने झारखंड के साहेबगंज जिले का कुख्यात साइबर ठग गिरोह पकड़कर बड़ा खुलासा किया है. गिरोह मोबाइल चोरी कर डिजिटल लॉक तोड़ता और यूपीआई के जरिए लाखों रुपये उड़ाता था. गिरफ्तार सात सदस्यों के पास से 84 चोरी के मोबाइल और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए.

By Abhinandan Pandey | September 20, 2025 9:57 AM

Bihar News: मोबाइल चोरी और डिजिटल फ्रॉड के मामलों में सक्रिय झारखंड के साहेबगंज जिले के तीन पहाड़ इलाके का गिरोह पूर्णिया पुलिस के हत्थे चढ़ गया. गिरोह के मुखिया राजेश महतो उर्फ छूमंतर को मोबाइल लॉक तोड़ने में महारथ हासिल है. उनके नेतृत्व में यह गिरोह अब तक देश के पचास से अधिक शहरों में एक लाख से ज्यादा मोबाइल चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुका है और यूपीआई के माध्यम से पैसे उड़ाने का काम करता था.

पीएम के सभा से गिरोह के 7 लोगों को किया गया गिरफ्तार

पुलिस के अनुसार, यह गिरोह पिछले तीन महीने से पूर्णिया में सक्रिय था. 15 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के दौरान और उसके बाद, पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर 17 सितंबर को सात सदस्यों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गए गिरोह के सदस्यों के पास से 84 चोरी के मोबाइल फोन बरामद हुए. इनमें से 29 मोबाइल पीएम की सभा स्थल से चुराए गए थे. बरामद मोबाइल की कीमत सभी 25 हजार रुपये से अधिक थी. इसके अलावा आठ सिम कार्ड और चार आधार कार्ड भी जब्त किए गए.

गिरोह का काम करने का तरीका

गिरोह के सदस्य दिनभर भीड़भाड़ वाले इलाकों में मोबाइल चोरी करते. चोरी किए गए मोबाइल का डिजिटल लॉक तुरंत तोड़ दिया जाता और उसके संबंधित यूपीआई अकाउंट से पैसे फर्जी खातों में ट्रांसफर कर लिए जाते. इसके बाद मोबाइल को नेपाल और बांग्लादेश के एजेंटों को बेच दिया जाता.

पुलिस के मुताबिक, गिरोह हर तीन महीने में अपना ठिकाना बदल लेता था. पूर्णिया में उन्होंने किराए का मकान लिया और मकान मालिक को बताया कि वे किसी कंपनी में काम करते हैं और दिनभर घर में नहीं रहते. यह रणनीति उनके अपराधों को छुपाने का अहम हिस्सा थी.

गिरोह के सदस्य और उनके कृत्य

गिरफ्तार अपराधियों में झारखंड के छह और पश्चिम बंगाल का एक सदस्य शामिल है. झारखंड से मुन्ना कुमार मंडल, राजेश महतो उर्फ छूमंतर, पप्पू महतो उर्फ पप्पू नोनिया, कपूर महतो, गणेश कुमार महतो और एक किशोर जबकि पश्चिम बंगाल से कार्तिक नोनिया शामिल हैं.

गिरोह के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि चोरी किए गए मोबाइल से यूपीआई के माध्यम से पैसे निकालने के लिए वे फर्जी कागजात का इस्तेमाल करते थे. पैसे ट्रांसफर करने के बाद एटीएम के माध्यम से नकदी निकाली जाती थी.

जेल का भी सामना कर चुके हैं गिरोह के सदस्य

पुलिस के अनुसार, पकड़ में आए सभी सदस्य पहले भी झारखंड, राजस्थान, ओडिशा और बंगाल में मोबाइल चोरी और डिजिटल फ्रॉड के आरोप में जेल जा चुके हैं. कई शहरों में उन्होंने नाम बदलकर और फर्जी आधार कार्ड बनाकर रहना शुरू किया था.

पुलिस की कार्रवाई

पूर्णिया पुलिस ने साइबर अपराध और मोबाइल चोरी के मामलों में सख्त कार्रवाई करते हुए इस गिरोह को गिरफ्तार कर अपराध की दुनिया में बड़ा झटका दिया है. पुलिस का कहना है कि अब गिरोह की सक्रियता पूरी तरह खत्म हो गई है और गिरफ्तार अपराधियों से आगे की पूछताछ जारी है.

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