बिहार पंचायत चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने शुरू की तैयारी, जानें कब चुनी जा सकती है गांवों की सरकार

बिहार में पंचायत चुनाव अपने समय पर नहीं हो सका, जिसके कारण लोग गावों में नयी सरकार का चुनाव नहीं कर सके. इवीएम से मतदान कराने को लेकर शुरू हुए विवाद ने चुनाव को तय समय के अंदर होने से रोका. वहीं जब भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच इसे लेकर सहमति बनी तो कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर ने बिहार में तबाही मचानी शुरू कर दी. जिसके कारण इसे टालना पड़ा. अब कोरोना की लहर जब शांत हुई है तो राज्य निर्वाचन आयोग ने फिर तैयारियां शुरू कर दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2021 8:26 AM

बिहार में पंचायत चुनाव अपने समय पर नहीं हो सका, जिसके कारण लोग गावों में नयी सरकार का चुनाव नहीं कर सके. इवीएम से मतदान कराने को लेकर शुरू हुए विवाद ने चुनाव को तय समय के अंदर होने से रोका. वहीं जब भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच इसे लेकर सहमति बनी तो कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर ने बिहार में तबाही मचानी शुरू कर दी. जिसके कारण इसे टालना पड़ा. अब कोरोना की लहर जब शांत हुई है तो राज्य निर्वाचन आयोग ने फिर तैयारियां शुरू कर दी है.

कोरोना की लहर जब बिहार में शांत हुई है तो बाढ़ की आहट अब सुनाई देने लगी है. सूबे में मानसून प्रवेश कर चुका है.मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य निर्वाचन आयोग ने आपदा प्रबंधन विभाग को पत्र लिखा है. जिसमें बाढ़ प्रभावित जिलों से लेकर प्रखंडों और पंचायतों की जानकारी मांगी गई है. अगर सितंबर में कोरोना की तीसरी लहर नहीं आती है तो आयोग दिसंबर तक चुनाव संपन्न कराने की तैयारी कर सकता है.

बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने पर सरकार ने फिलहाल परामर्शी समिति का गठन किया है. इसके जरिये ही फिलहाल गांवों की सरकार चलाई जा रही है. समिति के गठन से जुड़े अध्यादेश की मियाद भी नवंबर में पूरी हो जाएगी. इसे देखते हुए दिसंबर तक चुनी हुई नयी सरकार फिर से गांवों की सरकार चला सकती है. आयोग बारिश व बाढ़ प्रभावित पंचायतों का कैलेंडर प्राप्त करने के लिए प्रयासतर है. आयोग बाढ़ में विस्थापित होने वाले लोगों का भी ख्याल रखेगी ताकि वो मतदान से वंचित नहीं रहे.

Also Read: बिहार में कोरोना की लहर हो गई शांत, घोषणा में ही दबा रह गया अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण

बता दें कि बिहार में कोरोना के दूसरे लहर में चुनाव नहीं कराने के फैसले के कारण पंचायत चुनाव को टाल दिया गया. इससे पहले राज्य और भारत निर्वाचन आयोग के बीच ईवीएम को लेकर विवाद जारी रहा. जिसमें अदालत को भी हस्तक्षेप करना पड़ा था. इसमें जब सारी बाधाएं खत्म हुई और समाधान निकल गया तो कोरोना के दूसरे लहर ने दस्तक दे दिया. संक्रमण के फैलाव को ध्यान रखते हुए चुनाव को टाल दिया गया. पिछला चुनाव वर्ष 2016 में ही हुआ था.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version