मुजफ्फरपुर में सबसे ज्यादा 213, पटना के 24 अफसर-कर्मचारी भ्रष्टाचार में फंसे, निगरानी विभाग की रिपोर्ट ने खोली पोल

Bihar News: बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी कार्रवाई में मुजफ्फरपुर सबसे ज्यादा निशाने पर रहा है. निगरानी विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2006 से अब तक यहां 213 अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़े जा चुके हैं. वहीं, राजधानी पटना में भी 24 अफसरों पर कार्रवाई हुई है.

By Abhinandan Pandey | August 1, 2025 11:18 AM

Bihar News: बिहार में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की मुहिम पिछले 19 वर्षों से लगातार जारी है, लेकिन इसके बावजूद मुजफ्फरपुर में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक सामने आई है. कार्मिक विभाग के निर्देश पर निगरानी विभाग द्वारा जारी ताजा सूची में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.

213 अधिकारी-कर्मचारी पर गिरी गाज

वर्ष 2006 से लेकर अब तक भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों ने मुजफ्फरपुर के 213 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. यह राज्य के किसी भी जिले की तुलना में सर्वाधिक है. इनमें पंचायत सचिवों की संख्या सबसे अधिक है, जो सीधे तौर पर ग्रामीण प्रशासन से जुड़े होते हैं.

टॉप पर मुजफ्फरपुर, दूसरे नंबर पर किशनगंज

भ्रष्टाचार के मामलों में किशनगंज दूसरे स्थान पर है, जहां अब तक 72 अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है. तीसरे स्थान पर पटना है, जहां 24 पर कार्रवाई हुई है. इसके बाद वैशाली (19), नालंदा (15) और समस्तीपुर (14) जैसे जिले आते हैं.

नामजद अफसरों की लंबी सूची

जिन अफसरों पर कार्रवाई हुई है, उनमें कई बड़े नाम शामिल हैं:

  • कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक भानू राम, जिला कृषि पदाधिकारी जेपी ओझा और रामानंद प्रसाद
  • पशुपालन विभाग के चिकित्सक डॉ. मदन कुमार और डॉ. सुभाष चंद्र चौधरी
  • भवन निर्माण विभाग के अभियंता विनोद कुमार झा, बेचन झा, मदन मोहन राय, अधीक्षण अभियंता सत्यनारायण महतो
  • बिजली विभाग के अभियंता अजीत कुमार, वन विभाग के रेंज अफसर ददन कुमार
  • कॉलेज इंस्पेक्टर, बीईओ, सीओ, प्राचार्य, बीडीओ, सप्लाई इंस्पेक्टर जैसे प्रशासनिक पदाधिकारी भी इस सूची में शामिल हैं.

सरकार ने बढ़ाई सख्ती, नहीं मिलेगा लाभ या प्रमोशन

निगरानी विभाग की संयुक्त सचिव अंजु सिंह द्वारा जारी पत्र में साफ कहा गया है कि इन सभी भ्रष्ट कर्मियों को किसी प्रकार का वित्तीय लाभ या प्रोन्नति नहीं दिया जाए. विभाग ने सभी संबंधित जिलों को कार्रवाई की सिफारिशें भेज दी हैं.

जारी रहेगा अभियान

जानकारों के मुताबिक, भ्रष्टाचार विरोधी यह सूची केवल एक चेतावनी नहीं बल्कि कार्रवाई का रोडमैप है. राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है और आगे भी ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.

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