Bihar News: छपरा में विजयदशमी पर बड़ी चूक,7 पुलिसकर्मी ड्यूटी से नदारद—वेतन रोका गया, कारण बताओ नोटिस
Bihar News: जहां हजारों की भीड़ में पुलिस की मौजूदगी से लोगों को सुरक्षा का भरोसा होना चाहिए था, वहीं सात पुलिसकर्मी खुद ही ड्यूटी से नदारद मिले. विजयदशमी के मेले में हुई इस चूक ने पूरे पुलिस विभाग को हिला दिया है. एसएसपी ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी का वेतन रोका और कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है.
Bihar News: बिहार के सारण (छपरा) में विजयदशमी के अवसर पर आयोजित मेले में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई. भीड़भाड़ वाले आयोजन में तैनात सात पुलिसकर्मी ड्यूटी स्थल से अनुपस्थित पाए गए. मामले को गंभीरता से लेते हुए सारण के एसएसपी ने सभी का वेतन रोकने और सात दिन में स्पष्टीकरण देने का आदेश जारी किया है.
त्योहारों के दौरान सुरक्षा में इस तरह की लापरवाही को पुलिस प्रशासन ने ‘गंभीर अपराध’ माना है और संकेत दिए हैं कि जवाब संतोषजनक न होने पर विभागीय कार्रवाई तय है.
विजयदशमी पर बड़ी सुरक्षा चूक, सात पुलिसकर्मी गायब
विजयदशमी का पर्व बिहार में खास महत्व रखता है. छपरा सहित विभिन्न जिलों में मेले और रावण दहन कार्यक्रमों में हजारों की भीड़ उमड़ती है. इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की थी. हर थाना क्षेत्र से अतिरिक्त पुलिस बल को मेले के प्रमुख स्थलों पर लगाया गया था ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके.
इसी बीच सुरक्षा तंत्र की नींव को हिला देने वाली घटना सामने आई. जिन सात पुलिसकर्मियों को छपरा मेले में तैनात किया गया था, वे निर्धारित समय पर अपने ड्यूटी स्थल पर मौजूद नहीं मिले. उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी मिलते ही जांच कराई गई, जिसमें पुष्टि हुई कि सभी बिना किसी सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित थे.
एसएसपी का कड़ा रुख: वेतन रोका, कारण बताओ नोटिस जारी
सातों पुलिसकर्मियों का वेतन रोकने का आदेश जारी किया गया और सात दिन के भीतर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने को कहा गया. एसएसपी ने साफ चेतावनी दी कि त्योहारों के दौरान पुलिस पर बड़ी जिम्मेदारी होती है और लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसे अवसरों पर जरा सी चूक भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है, इसलिए किसी को बख्शा नहीं जाएगा.
विजयदशमी जैसे बड़े आयोजनों में जनता की सुरक्षा पूरी तरह से पुलिस पर निर्भर करती है. ऐसे में सात पुलिसकर्मियों का ड्यूटी से गायब पाया जाना केवल अनुशासनहीनता नहीं, बल्कि जनता के भरोसे पर चोट है.
विभागीय कार्रवाई की तलवार, निलंबन तक जा सकता है मामला
फिलहाल वेतन रोके जाने और नोटिस जारी करने की कार्रवाई की गई है, लेकिन विभाग इससे आगे भी कदम उठा सकता है. यदि सात दिन में कोई ठोस कारण नहीं बताया गया, तो संबंधित पुलिसकर्मियों पर निलंबन तक की कार्रवाई हो सकती है. विभाग इस घटना को उदाहरण के रूप में पेश करना चाहता है ताकि भविष्य में कोई भी पुलिसकर्मी ड्यूटी के प्रति लापरवाह न हो.
इस घटना के बाद पुलिस विभाग के भीतर भी सख्त संदेश गया है. त्योहारों और बड़े आयोजनों में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों को स्पष्ट कर दिया गया है कि लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है. छपरा की यह घटना विभाग के लिए चेतावनी है कि निगरानी अब और सख्त होगी.
त्योहारों में सुरक्षा की ज़िम्मेदारी, प्रशासन की चुनौती
छपरा में सात पुलिसकर्मियों की गैरहाजिरी महज एक लापरवाही नहीं, बल्कि विभागीय अनुशासन के लिए एक चेतावनी है. इस घटना ने दिखा दिया है कि त्योहारों में सुरक्षा से कोई समझौता बर्दाश्त नहीं होगा. आने वाले समय में यह मामला पुलिस प्रशासन के लिए एक नजीर बन सकता है, जहां सख्त कार्रवाई से अनुशासन की नई रेखाएं खींची जाएंगी.
