Bihar News: बिहार का डुमरांव शहर होगा पूरी तरह चकाचक, 5 एकड़ की जमीन पर लगने वाला है ये प्लांट

Bihar News: बक्सर जिले के डुमरांव में खास पहल होने वाली है. करीब 5 एकड़ की जमीन पर आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट सह मल कीचड़ उपचार संयंत्र लगाया जायेगा. इससे शहर में साफ-सफाई समस्या दूर हो सकेगी. इसके साथ ही डुमरांव नगर परिषद की स्वच्छता रैंकिंग में भी सुधार होने की संभावना है.

By Preeti Dayal | September 22, 2025 1:57 PM

Bihar News: बिहार के डुमरांव शहर की तस्वीर बदलने वाली है. डुमरांव में आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट सह मल कीचड़ उपचार संयंत्र लगाया जायेगा. करीब 5 एकड़ की जमीन पर इसे लगाया जायेगा. जिससे शहर में साफ-सफाई बनी रहेगी. इसके साथ ही डुमरांव नगर परिषद की स्वच्छता रैंकिंग में भी सुधार हो सकेगा. बक्सर जिले के लिए यह खास पहल मानी जा रही है.

परियोजना को लेकर तैयारी शुरू

जानकारी के मुताबिक, इस परियोजना को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है. साथ ही डुमरांव में सीवेज ट्रीटमेंट सह मल कीचड़ उपचार संयंत्र लाने की जरूरत पड़ रही है. दरअसल, यहां सीवरेज और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की समस्या लगातार बढ़ रही है.

5 एकड़ की जमीन पर बनेगा

नगर परिषद ईओ की माने तो, करीब 5 एकड़ की जमीन इस संयंत्र को लगाने के लिए जरूरत पड़ेगी. संभावित जमीन की पहचान की जा रही है और सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही वरीय पदाधिकारियों से भी बातचीत की जायेगी. ताकि आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सके. नगर विकास और आवास विभाग की तरफ से इसे लेकर आदेश जारी कर दिया गया है.

फिलहाल हो रहा सेप्टिक टैंक का इस्तेमाल

जानकारी के मुताबिक, विभाग की योजना है कि छोटे और मध्यम शहरों में ऐसे संयुक्त संयंत्र स्थापित किए जाएं ताकि साफ-सफाई बनी रहे. इसके साथ ही गंदे पानी और सेप्टिक टैंक से निकलने वाले फीकल स्लज का डिस्पोजल हो सके. दरअसल, अब तक डुमरांव में नगर परिषद इलाके के ज्यादातर घरों या फिर संस्थानों में सेप्टिक टैंक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे निकलने वाले कीचड़ को नाले या फिर नदियों में फेंक दिया जाता है.

शहर में बनी रहेगी साफ-सफाई

इसके अलावा शहर के जिन हिस्सों में अगर सीवरेज लाइनें मौजूद हैं तो वहां का गंदा पानी भी बिना शुद्धिकरण सीधे नालों में ही बहा दिया जाता है. ऐसे में पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी बीमारी होने का खतरा भी बना रहता है. हालांकि, इस संयंत्र के जरिये सीवरेज से आने वाले गंदे पानी को शुद्ध किया जायेगा और सेप्टिक टैंकों से निकलने वाले फीकल स्लज को भी सुरक्षित ठोस और तरल अपशिष्ट में बदला जा सकेगा. इससे शहर में गंदगी फैलने से रोका जा सकेगा.

Also Read: Bihar News: शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने किया STET परीक्षा का डेट अनाउंस, TRE-4 पर भी दिया बड़ा बयान