Bihar News: मोतीहारी में तिरंगा यात्रा पर बवाल,अपने ही इलाके में घिरे पूर्व मंत्री प्रमोद कुमार
Bihar News: तिरंगे के नीचे निकली यात्रा कुछ ही मिनटों में चुनावी जंग के मैदान में बदल गई—क्या यह महज असामाजिक तत्वों की हरकत थी या छिपी हुई राजनीतिक रणनीति?
Bihar News: देशभक्ति के रंग में रंगी तिरंगा यात्रा का मकसद था राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान का संदेश, लेकिन मोतीहारी में यह यात्रा विवाद और टकराव के साये में आ गई. भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री प्रमोद कुमार को अपने ही विधानसभा क्षेत्र में विरोध, झंडा-बैनर फाड़ने और मारपीट की घटना का सामना करना पड़ा.
घटना का केंद्र: टिकुलिया गांव
घटना मुफसिल थाना क्षेत्र के ढेकहा पंचायत के टिकुलिया गांव की है. विधायक प्रमोद कुमार के अनुसार, मंडल अध्यक्ष की अध्यक्षता में यह तिरंगा यात्रा क्षेत्र में राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान और देशभक्ति का संदेश देने के लिए निकाली गई थी. लेकिन जैसे ही रथ टिकुलिया पहुंचा, कथित असामाजिक तत्वों और “देशद्रोही” मानसिकता के लोगों ने रास्ता रोक लिया. आरोप है कि उन्होंने तिरंगा रथ पर लगे बैनर-पोस्टर और झंडे को फाड़ डाला और देशविरोधी नारे लगाने लगे.
विरोध से हिंसा तक
विधायक का कहना है कि उन्होंने और उनके समर्थकों ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की, लेकिन विरोध करने वाले लोग और उग्र हो गए. कथित तौर पर, उन्होंने जुलूस में शामिल लोगों से धक्का-मुक्की, मारपीट और वाहनों में तोड़फोड़ तक कर डाली. स्थिति बिगड़ते देख तिरंगा यात्रा को बीच में ही रोककर लौटना पड़ा.
इस पूरे प्रकरण को लेकर विधायक ने मुफसिल थाना में लिखित आवेदन दिया है, जिसमें आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की गई है. पुलिस ने आवेदन प्राप्त कर लिया है और वीडियो फुटेज के आधार पर हमलावरों की पहचान करने में जुटी है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि के संकेत
स्थानीय सूत्र बताते हैं कि इस घटना के पीछे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और क्षेत्रीय गुटबाज़ी का हाथ हो सकता है. तिरंगे के नाम पर शुरू हुआ यह जुलूस कुछ ही मिनटों में चुनावी जंग के रंग में रंग गया, जिसमें कानून-व्यवस्था की परीक्षा भी हो गई.
अब देखना यह है कि मुफसिल थाना पुलिस इस मामले में कितनी तेजी से आरोपियों तक पहुंचती है और क्या इस तिरंगा विवाद का सच महज असामाजिक तत्वों की हरकत है, या इसके पीछे कोई बड़ी राजनीतिक पटकथा छिपी है.
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