लॉकडाउन के बाद अस्पतालों में बदलेगा इलाज का तरीका, जानें पटना IGIMS में कब शुरु होगी रूटीन सर्जरी व ओपीडी

बिहार में लॉकडाउन कब खुलेगा, इस पर अभी संशय है. लेकिन यह तय है कि इसके बाद शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स, पीएमसीएच समेत अन्य बड़े अस्पतालों की व्यवस्था व इलाज के तौर-तरीके में काफी बदलाव हो सकता है. पुराने तरीके से हो रहा इलाज संक्रमण बढ़ाने का कारण बन सकता है. इसके मद्देनजर आइजीआइएमएस व एम्स अभी से दिशा-निर्देश तैयार करने में जुट गये हैं. अस्पताल के सीनियर डॉक्टर व विभागाध्यक्षों की देखरेख में कोर कमेटी गठित करने की तैयारी चल रही है.

By Prabhat Khabar | May 30, 2021 1:00 PM

बिहार में लॉकडाउन कब खुलेगा, इस पर अभी संशय है. लेकिन यह तय है कि इसके बाद शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स, पीएमसीएच समेत अन्य बड़े अस्पतालों की व्यवस्था व इलाज के तौर-तरीके में काफी बदलाव हो सकता है. पुराने तरीके से हो रहा इलाज संक्रमण बढ़ाने का कारण बन सकता है. इसके मद्देनजर आइजीआइएमएस व एम्स अभी से दिशा-निर्देश तैयार करने में जुट गये हैं. अस्पताल के सीनियर डॉक्टर व विभागाध्यक्षों की देखरेख में कोर कमेटी गठित करने की तैयारी चल रही है.

लॉकडाउन के बाद  बनेगा प्रोटोकॉल

बताया जा रहा है कि यह कमेटी लॉकडाउन के बाद संस्थान में चिकित्सा सुविधाओं को शुरू करने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करेगी. साथ ही भीड़ नियंत्रित करने व शारीरिक दूरी के पालन के लिए दिशा-निर्देश भी तैयार किये जायेंगे. इससे आइजीआइएमएस व एम्स में काफी कुछ बदल जायेगा. इलाज के दौरान भी मरीजों को शारीरिक दूरी का पालन करना पड़ेगा.

चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जायेगा ओटी में ऑपरेशन व ओपीडी में इलाज :

आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल व एम्स के एमएस डॉ सीएम सिंह कहते हैं कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद पहले की तरह ओपीडी व रूटीन सर्जरी सामान्य रूप से शुरू हो जाये, यह आसान नहीं है. इसे चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकता है. फिलहाल हम लोगों का पूरा फोकस कोरोना व ब्लैक फंगस के मरीजों पर है. जैसे ही पूरी तरीके से केस कम हो जायेंगे, आगे की रणनीति बनाकर बाकी मरीजों का इलाज शुरू किया जायेगा. अगर लॉकडाउन खुलता है व इजाजत मिलती है तो कार्डियक सर्जरी, कैंसर इत्यादि जैसी गंभीर बीमारियों की सर्जरी पहले शुरू हो सकती है. लेकिन ओपीडी, आइपीडी व सर्जरी का व्यवस्थित तरीके से संचालन के लिए रोस्टर ड्यूटी के अनुसार डॉक्टरों की टीम बनायी जायेगी.

Also Read: कोरोना और सामान्य मौत पर परिजन को 2 लाख रुपये की राहत राशि, जानें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का कैसे ले सकते हैं लाभ
डॉक्टरों को काम करने के तरीके बदलने पड़ेंगे :

एम्स अस्पताल के सीनियर डॉक्टर कहते हैं कि मौजूदा परिस्थिति में सभी सेवाएं एक साथ खोलना मुश्किल है. पहले एक ही कमरे में तीन-चार डॉक्टर बैठे होते थे और मरीज धक्का-मुक्की कर रहे होते थे. अब मरीजों की संख्या नियंत्रित करनी पड़ेगी. ऐसे में ओपीडी में मरीजों की संख्या निर्धारित की जा सकती है. फिलहाल डर यह है कि यदि एक मरीज भी कोरोना संक्रमित निकला तो अन्य कई संक्रमित हो सकते हैं, इसलिए काम करने के तरीके बदलने पड़ेंगे.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version