Bihar Election Express: मनेर में बिहटा को विधानसभा क्षेत्र बनाने की मांग, नेता चाहते हैं नेउरा बने प्रखंड
Bihar Election Express: प्रभात खबर द्वारा बिहटा में आयोजित चुनावी चौपाल में क्षेत्रवासियों ने अपने विकास संबंधी मुद्दों और समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाया. इस अवसर पर सबसे प्रमुख मांग बिहटा को अलग विधानसभा क्षेत्र और नेउरा को प्रखंड बनाने की रही. स्थानीय लोगों का कहना है कि अलग विधानसभा क्षेत्र और प्रखंड का दर्जा मिलने से प्रशासनिक कार्य सरल होंगे, सरकारी सुविधाओं तक लोगों की पहुंच आसान होगी और विकास कार्यों में तेजी आयेगी.
Bihar Election Express: बिहटा. बिहटा में आयोजित चुनावी चौपाल में उपस्थित वक्ताओं ने बिहटा को आइटी और औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिससे क्षेत्र के युवाओं को स्थानीय रोजगार के अवसर मिल सकें और मनेर विधानसभा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत हो. उन्होंने सांस्कृतिक और धार्मिक विकास को लेकर सुझाव दिया कि बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज़ पर संवारा जाये और स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम को विरासत स्थल के रूप में विकसित किया जाये, जिससे पर्यटन और स्थानीय व्यवसाय को बढ़ावा मिले और रोजगार के अवसर सृजित हों. राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि मनेर विधानसभा में अगले 15 वर्षों तक कोई नयी वैकेंसी नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और अन्य दल क्षेत्र को विकास से वंचित रखते आए हैं और अब जनता जवाब मांगने को तैयार है. उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहटा को विधानसभा और अनुमंडल का दर्जा मिलना चाहिए, जबकि नेउरा को प्रखंड का दर्जा मिलने की आवश्यकता है.
इन मांगों पर हुई चर्चा
विकास संबंधी अन्य मांगों में मनेर दरगाह और हल्दी छपरा घाट मनेर संगम का विकास, रामपुर दियारा से सोन नदी में पीपा पुल का निर्माण, मनेर में डिग्री कॉलेज की स्थापना, मेघा औद्योगिक पार्क में प्रभावित किसानों को सहायता, दयालपुर, दौलतपुर और जोगीपुर के बधार क्षेत्र में कृषि भूमि को बिजली और पानी उपलब्ध कराना, दयालपुर-दौलतपुर पंचायत और सिकंदरपुर पंचायत के डुमरी गांव में जर्जर पुल का निर्माण, बिहटा और मनेर को मेट्रो से जोड़ना और युवाओं और खिलाड़ियों के लिए खेल मैदान का निर्माण कराने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.
बुनियादी सुविधाओं के मुद्दे भी उठे
चौपाल में ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के मुद्दे भी प्रमुख रहे. नागरिकों ने क्षेत्रीय प्रतिनिधियों से इन सभी मांगों पर शीघ्र और ठोस कार्यवाही की अपेक्षा जतायी. चौपाल ने स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया कि बिहटा और मनेर विधानसभा क्षेत्र के लोग अब केवल चुनावी वादों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वास्तविक विकास और प्रशासनिक सुधारों के लिए एकजुट हैं. कार्यक्रम की शुरुआत में स्थानीय कवि मधेश्वर मिश्रा उर्फ़ संजय ने व्यंग भरे अंदाज की कविता प्रस्तुत कर चुनावी चौपाल को और मजेदार बना दिया.
क्या बोले मनेर विधानसभा के नेता
भाजपा नेता डॉ शिवनंदन सिंह ने कहा कि मनेर और बिहटा में बदलाव का समय आ गया है. उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार ने बिहार में सड़क, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कई उपलब्धियां दी हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलना चाहिए और मनेर विधानसभा को विकास की मुख्य धारा में लाना आवश्यक है. भाजपा युवा नेता आदित्य राज ने क्षेत्र में लगातार हो रहे ट्रैफिक जाम, बच्चों की सुरक्षा और दैनिक जीवन में कठिनाइयों का हवाला देते हुए कहा कि बिहटा को आइटी और औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जा सकता है. उन्होंने सुझाव दिया कि बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर और स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम को पर्यटन और विरासत स्थल के रूप में संवारा जाए, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को गति मिले.
किसान और बेरोजगार उपेक्षित
भाकपा (माले) की माधुरी गुप्ता ने कहा कि बिहार और केंद्र की सरकार ने बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया. मनेर के गरीब, मजदूर और किसान लगातार वंचित रहे हैं.उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए ठोस रोजगार नीति बनानी होगी और जनता अब अपने हक के लिए सड़कों पर उतरने को तैयार है. कांग्रेस नेता अरुण आर्य ने कहा कि बिहटा और नेउरा को विशेष विकास क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि जनता अब केवल वादों से संतुष्ट नहीं होगी, बल्कि ठोस कार्यों की अपेक्षा रखती है.
ठोस परिणाम चाहती है जनता
कामेश्वर यादव (रालोजपा) ने कहा कि जनता नारे नहीं, बल्कि ठोस परिणाम चाहती है. उन्होंने किसानों, नौजवानों और छोटे उद्योगों के लिए उचित नीति लागू करने पर जोर दिया. शंकर यादव (जनशक्ति जनता दल) ने कहा कि छोटे उद्योग, स्टार्टअप और स्वरोजगार को बढ़ावा देना जरूरी है. उन्होंने कहा कि बड़ी पार्टियां केवल वादे करती हैं, लेकिन वास्तविक काम करना ही राजनीति है. समाजसेवी रिंकू सिंह ने कहा कि सभी दलों को मिलकर जनता के मूल मुद्दों पर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विकास की राजनीति ही भविष्य का रास्ता है, बाकी सब केवल चुनावी शोर है. उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहटा और मनेर क्षेत्र के लोग अब केवल चुनावी वादों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि विकास और प्रशासनिक सुधारों के लिए एकजुट हैं. बिहटा को विधानसभा बनाने की मांग उठायी गयी.
योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक
निर्मल मिश्रा (जन सुराज पार्टी) ने कहा कि पिछले 35 वर्षों में स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा जैसे मुख्य मुद्दे भटक चुके हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार, शिक्षा और खेल सुविधाएं मिलनी चाहिए और जनता का मूड अब साफ है. इस बार मुद्दे बोलेंगे. राजू यादव (जदयू) ने कहा कि सरकार ने चुनाव से पहले वृद्धा पेंशन में वृद्धि, महिलाओं के खातों में स्वरोजगार राशि जैसी कई योजनाएं लागू की हैं, जो सीधे जनता के हित में हैं. सरकार का उद्देश्य यही है कि योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचे. उन्होंने कहा कि स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों और ग्रामीण सड़कों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. ये सभी पहलें क्षेत्रवासियों के जीवन को आसान बनाने और स्थानीय विकास को गति देने के लिए हैं.
