बिहार में चुनाव आयोग की गाइडलाइन जारी, अब इस चीज के बिना विज्ञापन नहीं दे सकती राजनीतिक पार्टी

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग ने तमाम राजनीतिक पार्टीयों और उम्मीदवारों को चुनावी विज्ञापन के प्रकाशन को लेकर जरूरी निर्देश जारी किया है. इसके तहत उम्मीदवारों को प्रकाशन से पहले सोशल मीडिया समेत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर सभी राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व-प्रमाणन के लिए मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमिटी (एमसीएमसी) को आवेदन देना होगा.

By Rani Thakur | October 15, 2025 11:35 AM

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग ने तमाम राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों को चुनावी विज्ञापन के प्रकाशन को लेकर जरूरी निर्देश जारी किया है. इस निर्देश के अनुसार हर पंजीकृत/राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दल और हर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को प्रकाशन से पहले सोशल मीडिया समेत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर सभी राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व-प्रमाणन के लिए मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमिटी (एमसीएमसी) को आवेदन देना होगा.

उम्मीदवारों को जानकारी दे रहा आयोग

मिली जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने 6 अक्टूबर 2025 को ही बिहार विधानसभा चुनाव और 6 राज्यों तथा जम्मू एवं कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश के 8 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों की घोषणा कर दी थी. जिसके बाद इन जगहों पर आचार संहिता लागू हो चुकी है. चुनाव आयोग नए नियम जानकारी उम्मीदवारों को दे रही है.

अप्रूवल जरूरी

बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व-प्रमाणन के लिए जिला और राज्य स्तर पर एमसीएमसी का गठन किया गया है. चुनाव आयोग ने फैसला लिया है कि संबंधित एमसीएमसी के अप्रूवल के बगैर राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों द्वारा सोशल मीडिया वेबसाइटों समेत किसी भी इंटरनेट-आधारित मीडिया/वेबसाइट पर कोई भी राजनीतिक विज्ञापन जारी नहीं होगा. एमसीएमसी के प्रतिनिधि द्वारा मीडिया में पेड न्यूज के संदिग्ध मामलों पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी और साथ ही इस पर उचित कार्रवाई भी होगी.

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चुनावी खर्च का भी देना होगा ब्योरा

इसके अलावा सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों की गतिविधियों पर भी आयोग कड़ी निगरानी रखेगा. इस संबंध में आयोग ने कहा कि चुनावी परिदृश्य में सोशल मीडिया की पहुंच को देखते हुए, उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करते समय अपने प्रामाणिक सोशल मीडिया खातों की जानकारी साझा करने का भी निर्देश जारी किया गया है. सिर्फ यही नहीं, राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार पर होने वाले खर्च की भी पूरी जानकारी आयोग को सौंपनी होगी.

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