Bihar Election 2025: चिराग पासवान का सियासी संदेश, ‘नीतीश से कोई विवाद नहीं, उनसे बहुत कुछ सीखने की जरूरत’

Bihar Election 2025: बिहार की चुनावी हवा में जहां विरोध की आवाजें तेज हैं, वहीं एनडीए में सामंजस्य और नेतृत्व पर विश्वास के सुर मुखर हैं. लोजपा (रामविलास) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को बहुत कुछ सीखने की जरूरत का बयान देकर खलबली मचा दी है.

By Pratyush Prashant | October 21, 2025 8:16 AM

Bihar Election 2025: बिहार चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक बयानबाजी भी दिलचस्प मोड़ ले रही है. लोजपा (रामविलास) के सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक चैनल से बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर तारीफ कर एक नया राजनीतिक संकेत दिया है. उन्होंने कहा कि “नीतीश कुमार से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है” और यह भी जोड़ा कि “मुख्यमंत्री से मेरा एक प्रतिशत भी विवाद नहीं है.”
यह बयान ऐसे समय आया है जब एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर चर्चा जारी है और महागठबंधन अपने अंदरूनी मतभेदों से जूझ रहा है. यह बयान उस दौर में आया है जब गठबंधन की मजबूती पर बार-बार सवाल उठ रहे हैं.

नीतीश और चिराग—नई राजनीतिक समझदारी की शुरुआत

यह बयान केवल गठबंधन की मजबूती का संदेश नहीं बल्कि राजनीतिक परिपक्वता की मिसाल भी है. 2020 के चुनावों में नीतीश और चिराग के रिश्ते तनावपूर्ण रहे, लेकिन अब दोनों नेता विकास और गठजोड़ की स्थिरता के साझा मंच पर नजर आ रहे हैं. चिराग का यह बयान शायद एक नए दौर की शुरुआत है, जहां सत्ता की राजनीति के बीच संवाद की संस्कृति लौटती दिख रही है.

चिराग पासवान ने अपनी बात को यहीं नहीं रोका. उन्होंने बिहार के पिछड़ेपन का जिक्र करते हुए कहा कि “राज्य आजादी के बाद विरोधाभास की सरकारों के कारण पीछे रह गया.” उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार को ऊपर उठाने के लिए उस सरकार की जरूरत है जो अनुभव और विजन दोनों रखती हो. उन्होंने कहा कि आने वाले पांच साल नीतीश कुमार के नेतृत्व का लाभ लेने का समय है, जहां उनके अनुभव और स्थिरता से राज्य विकास की नई ऊंचाइयों को छू सकता है.

महागठबंधन पर करारा वार: ‘राजनीति में फ्रेंडली फाइट नहीं होती’

चिराग पासवान ने अपने इंटरव्यू में महागठबंधन की स्थिति पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि “महागठबंधन के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. उनके उम्मीदवार आपस में ही टकरा रहे हैं.”
चिराग ने तंज कसते हुए कहा, “राजनीति में फ्रेंडली फाइट जैसी कोई चीज़ नहीं होती. यह सिर्फ दिखावा है.”
उन्होंने दावा किया कि एनडीए में पांच दलों का विनिंग कॉम्बिनेशन है और विपक्ष ने “वॉकओवर देने” जैसा काम किया है.
चिराग ने कहा कि “14 नवंबर को एनडीए की जीत के साथ असली दिवाली मनाई जाएगी.”

तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए चिराग ने कहा कि “तेजस्वी के चुनावी वादों का कोई रोडमैप नहीं है, वे हवा-हवाई बातें करते हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के पिछड़ेपन में कांग्रेस सरकारों का भी योगदान रहा है. “जनता अब SIR जैसे मुद्दों में नहीं, रोजगार और विकास में दिलचस्पी रखती है,” चिराग ने कहा.

‘नेगोशिएशन के वक्त खामोश रहना ही राजनीति की कला’

अपने राजनीतिक तौर-तरीकों पर बोलते हुए चिराग ने कहा, “मैंने कभी किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की. नेगोशिएशन के वक्त खामोश रहना ही मेरी शैली है.”
उन्होंने कहा कि 20 साल बाद यह ऐसा मौका है जब “बिहार में 29 सीटें जिताने की संभावना दिख रही है.” उनके मुताबिक, बिहार की जनता अब “स्थिर और व्यवहारिक राजनीति” की ओर झुक रही है.

एनडीए के भीतर भरोसा, विपक्ष में बिखराव

चिराग पासवान के इस बयान को कई राजनीतिक विश्लेषक एनडीए के भीतर एकजुटता और भरोसे का संकेत मान रहे हैं. जहां विपक्ष गठबंधन के भीतर मतभेदों से जूझ रहा है, वहीं चिराग का यह बयान एनडीए की एक मजबूत छवि बनाने की कोशिश है.
बयान का लहजा सधा हुआ है, पर इसके राजनीतिक मायने गहरे हैं . यह संदेश कि बिहार में एनडीए नेतृत्व अब सामूहिकता और सहयोग के एजेंडे पर आगे बढ़ रहा है.

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