Bihar Digital Panchayat: डिजिटल पंचायत में बिहार ने रचा इतिहास – 8054 में से 8046 ग्राम पंचायतें हुई कैशलेस

Bihar Digital Panchayat: बिहार ने पंचायत स्तर पर डिजिटल भुगतान लागू करने की रफ्तार में देश के बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. अब लगभग हर ग्राम पंचायत ऑनलाइन भुगतान प्रणाली पर शत-प्रतिशत काम कर रही है.

By Pratyush Prashant | December 7, 2025 8:09 AM

Bihar Digital Panchayat: पंचायती राज संस्थाओं में ऑनलाइन भुगतान व्यवस्था को मजबूत करने के मामले में बिहार ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है. ग्रामीण विकास मंत्रालय के नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि राज्य की 8054 ग्राम पंचायतों में से 8046 अब पूरी तरह डिजिटल भुगतान प्रणाली से जुड़ चुकी हैं. यह उपलब्धि बिहार को देश के उन चुनिंदा अग्रणी राज्यों की श्रेणी में रखती है, जहां पंचायत स्तर पर ट्रांसपेरेंसी लगभग से कम हो रहा है.

बिहार की इस उपलब्धि ने बड़े राज्यों की तुलना में डिजिटल ट्रांसपेरेंसी के मामले में उसे अग्रणी बना दिया है. ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, राज्य की 8054 में से 8046 पंचायतें अब किसी भी तरह के सरकारी भुगतान, मजदूरी, योजना राशि, बिल, मानदेय सब कुछ ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत कर रही हैं. प्रशासनिक ट्रांसपेरेंसी , डेटा मॉनिटरिंग और समयबद्ध भुगतान के लिहाज से यह कदम पंचायत प्रणाली को और मजबूत करता है.

अन्य बड़े राज्यों से कैसे आगे निकला बिहार?

देश के बड़े राज्यों के आंकड़े बताते हैं कि संख्या के हिसाब से भले ही दूसरे राज्यों की ग्राम पंचायतें अधिक हों, लेकिन डिजिटल भुगतान का कवरेज प्रतिशत बिहार में सबसे अधिक है. उत्तर प्रदेश की 57,691 पंचायतों में से 57,655 डिजिटल भुगतान की व्यवस्था अपना चुकी हैं, मध्य प्रदेश की 23,011 में से 22,987 और महाराष्ट्र की 27,941 में से 27,027 पंचायतें ऑनलाइन भुगतान कर रही हैं. गुजरात में भी 14,666 में से 14,006 पंचायतें डिजिटल हो चुकी हैं, लेकिन इन सभी राज्यों की तुलना में बिहार प्रतिशत के आधार पर लगभग पूर्ण कवरेज हासिल कर चुका है. यही वह पहलू है, जिसमें बिहार अपने प्रतिस्पर्धी राज्यों को पीछे छोड़ देता है.

ब्लॉक और जिला स्तर पर भी अग्रणी है बिहार

बिहार ने डिजिटल भुगतान प्रणाली को सिर्फ ग्राम पंचायतों तक सीमित नहीं रखा है, बल्कि ब्लॉक और जिला स्तर पर भी इसे तेजी से लागू किया गया है. राज्य के 534 ब्लॉक पंचायतों में से 531 ब्लॉक अब ऑनलाइन भुगतान का उपयोग कर रहे हैं. यह बेहद मजबूत स्थिति है, जो बताती है कि जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रशासनिक मशीनरी कितनी प्रभावी ढंग से काम कर रही है. प्रदेश की सभी 38 जिला पंचायतें डिजिटल भुगतान अपना चुकी हैं, जिससे सरकारी योजनाओं की राशि का ट्रैकिंग, उपयोग और जांच बेहद पारदर्शी हो गया है.

पंचायत पोर्टल

डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर ने बदला पंचायत प्रशासन का चेहरा

डिजिटल भुगतान केवल एक तकनीकी बदलाव नहीं है, बल्कि यह पंचायत शासन की पूरी कार्य संस्कृति को बदलने वाला कदम साबित हो रहा है. राज्य में तेजी से बैंकिंग नेटवर्क का विस्तार हुआ है, पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों को डिजिटल भुगतान प्रशिक्षण दिया गया है, और भुगतान प्लेटफॉर्म को ग्राम स्तर तक पहुंचाने में प्रशासन और बैंकिंग संस्थाओं की संयुक्त भूमिका रही है. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के इस विस्तार से भुगतान में पारदर्शिता बढ़ी है, दलाली और देरी की शिकायतें कम हुई हैं और योजनाओं के क्रियान्वयन में भरोसेमंदी बढ़ी है.

100% डिजिटल पंचायतें और पूरी तरह कैशलेस भुगतान

सरकार की कोशिश है कि जल्द ही बची हुई ग्राम पंचायतें भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह काम करने लगें. इसके बाद पंचायत स्तर पर सभी योजनाओं का भुगतान पूरी तरह कैशलेस मोड में होगा. यह मॉडल आने वाले समय में देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक रोल मॉडल बन सकता है.

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