बिहार में क्वॉरेंटिन सेंटरों की स्थिति को लेकर पटना हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, मुख्य सचिव से तीन दिनों में मांगा जवाब

बिहार में कोरोना मरीजों के लिये बनाये गये क्वॉरेंटिन सेंटरों की दयनीय स्थिति पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव से 22 मई तक रिपोर्ट तलब की है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पारुल प्रसाद व राजीव रंजन द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

By Samir Kumar | May 19, 2020 7:41 PM

पटना : बिहार में कोरोना मरीजों के लिये बनाये गये क्वॉरेंटिन सेंटरों की दयनीय स्थिति पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव से 22 मई तक रिपोर्ट तलब की है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पारुल प्रसाद व राजीव रंजन द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

कोर्ट को बताया गया कि बिहार में तेजी से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही हैं. बाहर से बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूर अपने घर वापस आ रहे है. इस कारण राज्य में इनकी संख्या लगातार बढ़ रही हैं. कोरोना मरीजों को रहने के लिए बनाये गये क्वॉरेंटिन सेंटरों में बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी हैं. वहां रह रहे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार की ओर से काफी प्रयास किये जा रहें है. लेकिन, प्रवासी मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं.

Also Read: ‘घर वापसी’ के लिए हैदराबाद से साइकिल पर शुरू किया सफर, 17 दिन में पहुंचा बिहार

केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता एसडी संजय ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार क्वॉरेंटिन सेंटरों की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद ली जा सकती हैं. गौर हो कि तीन मई के बाद बिहार आये 14,910 प्रवासियों के सैंपल जांच किये गये, जिनमें 753 कोरोना पॉजिटिव पाये गये. इनमें सबसे अधिक दिल्ली से आने वाले 247 लोग हैं. महाराष्ट्र के 176, गुजरात से आये 155, यूपी से आये 28 और पश्चिम बंगाल से आये 38 लोग पॉजिटिव पाये गये हैं.

Also Read: भोजन नहीं मिलने पर क्वाॅरेंटिन सेंटरों से बाहर निकले 972 प्रवासी मजदूर, काटा बवाल, बोले- इतना खाना में 10 आदमी का भी नहीं भर सकता पेट

Next Article

Exit mobile version