Ayodhya News : भूमि पूजन के साथ भारत के सांस्कृतिक-सामाजिक-राजनीतिक इतिहास में जुड़ रहा एक स्वर्णिम अध्याय : सुशील मोदी

Preparation for Ayodhya Ram temple Bhumi Pujan Bihar News Update पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर भव्य मंदिर के पुनर्निर्माण के भूमि पूजन के साथ भारत के सांस्कृतिक-सामाजिक-राजनीतिक इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ रहा है. देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1952 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू के प्रबल विरोध के बावजूद जिस तरह से सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का समर्थन करते हुए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में भाग लिया था, उसी तरह आज नेहरूवादी कांग्रेस और छद्म धर्मनिरपेक्षतावादियों के तर्कहीन विरोध की चिंता किये बिना भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी मंदिर के लिए भूमिपूजन करने जा रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2020 8:41 PM

Preparation for Ayodhya Ram temple Bhumi Pujan Bihar News Update पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर भव्य मंदिर के पुनर्निर्माण के भूमि पूजन के साथ भारत के सांस्कृतिक-सामाजिक-राजनीतिक इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ रहा है. देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1952 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू के प्रबल विरोध के बावजूद जिस तरह से सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का समर्थन करते हुए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में भाग लिया था, उसी तरह आज नेहरूवादी कांग्रेस और छद्म धर्मनिरपेक्षतावादियों के तर्कहीन विरोध की चिंता किये बिना भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी मंदिर के लिए भूमिपूजन करने जा रहे हैं.

उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि अल्पसंख्यक-तुष्टीकरण की राजनीति का सूत्रपात करने वाले नेहरू ने भारत की सनातन परंपरा और कोटि-कोटि हिंदुओं की आस्था के प्रतीक मंदिर पुनर्निर्माण को “हिंदू पुनरुत्थानवाद” बताया था. जबकि, उनकी सरकार में मंत्री रहे केएम मुंशी ने मंदिर को ” सामूहिक भारतीय चेतना” का प्रतीक माना था. सोमनाथ के 68 साल बाद अयोध्या में राममंदिर पुनर्निर्माण से करोड़ों लोगों की सांस्कृतिक आंकाक्षा पूरी होगी. सभी राम-भक्तों का हार्दिक अभिनंदन!

अयोध्या में राममंदिर के भूमिपूजन समारोह के लिए जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से पहला आमंत्रण बाबरी मस्जिद मामले के पक्षकार इकबाल अंसारी को मिलना और अंसारी का इसे भगवान श्रीराम की इच्छा के रूप में स्वीकार करना सच्ची धर्मनिरपेक्षता है. अंसारी ने रोजी-रोटी का बेतुका सवाल उठाकर मंदिर का विरोध करने वालों को यह कह कर आईना दिखाया कि मंदिर पुनर्निर्माण से अयोध्या सुंदर होगी और लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा.

सुशील मोदी ने कहा कि जन्मभूमि ट्रस्ट ने जिन 175 लोगों को आमंत्रित किया, उनमें से 135 अतिथि सिख, जैन, मुसलिम सहित 36 धर्म-सम्प्रदायों के हैं. अयोध्या के अतिथियों की सूची भारत की धर्मनिरपेक्षता का जिस गंभीरता से आदर करती है, उसे वोट बैंक की राजनीति करने वाले सेक्युलरिस्ट क्यों नहीं देखते?

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