1.32 लाख तालाबों और पोखरों को किया जायेगा अतिक्रमणमुक्त

पटना : जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत राज्य में एक लाख 32 हजार 732 जल संरचनाओं को चिह्नित किया गया है, जिनमें 93 हजार 643 का सर्वेक्षण कर लिया गया है. 2,165 पर पक्का और 10,092 पर कच्चा अतिक्रमण पाया गया है. इन्हें मुक्त करने के लिए कार्रवाई शुरू की जा रही है. 31,260 संरचनाएं जीर्णोद्धार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 3, 2019 6:54 AM

पटना : जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत राज्य में एक लाख 32 हजार 732 जल संरचनाओं को चिह्नित किया गया है, जिनमें 93 हजार 643 का सर्वेक्षण कर लिया गया है. 2,165 पर पक्का और 10,092 पर कच्चा अतिक्रमण पाया गया है. इन्हें मुक्त करने के लिए कार्रवाई शुरू की जा रही है.

31,260 संरचनाएं जीर्णोद्धार के लिए चिह्नित की गयी हैं. इसी तरह तीन लाख एक हजार 316 कुओं में एक लाख 31 हजार 742 कुओं का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है. इनमें 4,242 कुओं पर अतिक्रमण पाया गया है. 27,948 कुओं को जीर्णोद्धार के लिए चिह्नित किया गया है.
सभी जिलों में इसे लेकर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. तालाबों, पोखरों, आहर और पइन का जीर्णोद्धार करने के लिए 4,923 संरचनाओं की इंट्री एमआइएस पर की गयी है. जीर्णोद्धार करने के लिए 1,184 सार्वजनिक कुंओं की इंट्री एमआइएस पर की गयी है. जल स्रोतों के किनारे सोखता या रिचार्ज बनाने के लिए 1,110 जल संरचनाओं को चिह्नित किया गया है.
छोटी-छोटी नदियों या नालों में पानी को जमा करने के लिए चेकडैम और जल संचयन की अन्य संरचनाओं का निर्माण कराने के लिए 4,923 संरचनाओं को चिह्नित किया गया है. नये जल स्रोतों को बनाने और अधिक जल क्षेत्र की नदी से जल की कमी वाले क्षेत्र में पानी पहुंचाने के लिए 13,509 नयी योजनाओं का निर्माण कराया जाना है. भवनों की छत पर जल संचयन के लिए 37,854 संरचनाओं का निर्माण कराने के लिए एमआइएस पर इनकी इंट्री की गयी है.
पौधशाला सृजन और सघन पौधारोपण के तहत 2,027 योजनाओं की इंट्री की गयी है. वैकल्पिक फसलों, टपकन सिंचाई, जैविक खेती और अन्य नयी तकनीकों का उपयोग करने के लिए 101 योजनाएं ली गयी हैं. सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए 133 योजनाएं ली गयी हैं.

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