बिना लैब, कम शिक्षक और छोटे परिसर में चल रहे निजी आइटीआइ

अब श्रम विभाग करेगा कार्रवाई, सभी चिह्नित आइटीआइ को जल्द भेजा जायेगा नोटिससंवाददाता, पटनाराज्यभर में ऐसे अनेक निजी आइटीआइ हैं, जहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. पटना, गया, छपरा, वैशाली, औरंगाबाद, भोजपुर, बक्सर, मुजफ्फरपुर व भागलपुर जैसे जिलों में ऐसे आइटीआइ की संख्या अधिक है.सबसे अधिक पटना-गया रोड पर आइटीआइ दिखते हैं.

By Prabhat Khabar | April 29, 2024 12:53 AM

अब श्रम विभाग करेगा कार्रवाई, सभी चिह्नित आइटीआइ को जल्द भेजा जायेगा नोटिस संवाददाता, पटना राज्यभर में ऐसे अनेक निजी आइटीआइ हैं, जहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. पटना, गया, छपरा, वैशाली, औरंगाबाद, भोजपुर, बक्सर, मुजफ्फरपुर व भागलपुर जैसे जिलों में ऐसे आइटीआइ की संख्या अधिक है.सबसे अधिक पटना-गया रोड पर आइटीआइ दिखते हैं. एस्बेस्टस से बने दो या तीन कमरों के भवन में आइटीआइ चल रहे हैं. कई संचालकों ने तो एक ही परिसर में एक से अधिक आइटीआइ खोल रखा है, लेकिन बिना संसाधन चल रहे आइटीआइ में छात्रों से मोटी फीस वसूली जाती है. यह खुलासा श्रम संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में हुआ है. जिलों में निजी आइटीआइ की जांच में पाया गया है कि बार-बार निर्देश देने पर भी निजी संस्थानों में सुधार नहीं हो पा रहा है. अब श्रम विभाग ऐसे सभी आइटीआइ पर कार्रवाई करेगा. छात्रों के लिए बुनियादी सुविधाएं तक नहीं श्रम संसाधन विभाग को मिली रिपोर्ट में पाया गया है कि कुछेक आइटीआइ संचालकों ने संस्थान खोलने का पता कुछ और दिया है और आइटीआइ कहीं और खोल रखा है. इसलिए उनसे नाम-पता तक का ब्योरा मांगा गया है. कुछ आइटीआइ ने पर्याप्त जमीन भी नहीं ले रखी है. इसलिए संचालकों को यह बताना है कि उन्होंने कितनी जमीन पर आइटीआइ बनाया है. इसके लिए उन्हें खाता, मौजा, खसरा व प्लॉट की भी जानकारी देना है. आइटीआइ के प्राचार्य सहित कितने कर्मी हैं, कौन-कौन ट्रेड की पढ़ाई हो रही है.उससे संबंधित उपकरण हैं या नहीं.इस संबंध में भी ब्योरा मांगा गया है. भवन के अलावा प्रशिक्षण से संबंधित भी पूरी जानकारी देनी होगी. पहले व दूसरे साल में कितनों को प्रशिक्षण दिया गया, जांच परीक्षा कब-कब हुई, पावर बैकअप, लाइट की व्यवस्था के बारे में भी बताना होगा. इसको लेकर विभाग जल्द ही सभी चिह्नित आइटीआइ को नोटिस भेजेगा. इसके पूर्व भी विभाग ने की है जांच, पर अब तक नहीं कार्रवाई नहीं हो पायी है. विभाग के स्तर पर पहली बार निजी आइटीआइ की जांच नहीं हुई है. इससे पहले कई बार हो चुकी है, लेकिन यहां कमी मिलने के बाद भी किसी भी आइटीआइ की मान्यता रद्द नहीं की गयी है और ना हीं केंद्र सरकार को ऐसे आइटीआइ की मान्यता रद्द करने के लिए अनुशंसा की गयी है. इसके बावजूद विभाग ने एक बार फिर से कार्रवाई करने का निर्णय लिया है.

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