भयमुक्त समाज प्रदान करना बिहार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : लालजी टंडन

पटना : बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को कहा कि कानून का शासन स्थापित कर लोगों को भयमुक्त समाज प्रदान करने की सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ, राज्य सरकार जनता के विश्वास पर खरा उतरने के लिए कठिन परिश्रम कर रही है. बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के प्रथम दिन आज संयुक्त सत्र को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 11, 2019 7:04 PM

पटना : बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को कहा कि कानून का शासन स्थापित कर लोगों को भयमुक्त समाज प्रदान करने की सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ, राज्य सरकार जनता के विश्वास पर खरा उतरने के लिए कठिन परिश्रम कर रही है. बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के प्रथम दिन आज संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए टंडन ने कहा कि राज्य सरकार ‘न्याय के साथ विकास’ का नजरिया रखते हुए सभी लोगों, क्षेत्रों और वर्गों को साथ लेकर चलने के लिए कृत संकल्पित है.

राज्यपाल ने कहा, राज्य में विकास की रणनीति समावेशी, न्यायोचित और सतत होने के साथ आर्थिक प्रगति पर आधारित है. बिहार को देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए सुशासन के कार्यक्रम को पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता विधि व्यवस्था सुदृढ़ करते हुए कानून का शासन स्थापित कर लोगों को भयमुक्त समाज प्रदान करने की रही है. संगठित अपराध पर कड़ाई से अंकुश लगाया गया है और कानूनी प्रावधान का अनुसरण करते हुए अपराध नियंत्रण की ठोस व्यवस्था लागू की गयी है. पुलिस तंत्र का सुदृढीकरण किया गया है ताकि वे दायित्वों का निर्वहन कुशलतापूर्वक कर सकें. यह सरकार के संकल्प का परिणाम है कि राज्य में सामाजिक सौहार्द और सांप्रदायिक सद्भाव का वातावरण कायम है.

टंडन ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार दर्ज संज्ञेय अपराधों में राष्ट्रीय औसत दर प्रति लाख की जनसंख्या पर 233.6 की तुलना में बिहार में मात्र 157.4 है. अपराध दर के अनुसार राज्य एवं संघ शासित प्रदेशों की तुलना में बिहार का स्थान 22वां है. वर्ष 2018 में अब तक कुल 3 हजार 650 कांडों में अभियुक्तों को सजा मिली है. उन्होंने बताया कि आय से अधिक संपत्ति के 45 मामले दर्ज किये गये जिसमें 29 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया गया है.

राज्यपाल ने कहा कि बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम के तहत 24 मामलों में लोक सेवकों की परिसंपत्तियों की जब्ती की कार्रवाई की जा रही है. अभी तक कुल 131 मामलों में प्रिवेंशन आॅफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय को भेजा गया है जिसमें 256 करोड़ रुपये की अधिक की राशि शामिल है.

टंडन ने कहा कि लोकहित में सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं के संबंध में लोक संवाद के माध्यम से लोगों के महत्वपूर्ण सुझाव आमंत्रित किये जा रहे हैं जिससे राज्य सरकार अपनी नीतियों एवं कार्यक्रमों का संवर्धन कर रही है. टंडन ने प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में हुए विकास और राज्य सरकार द्वारा कियेगये कार्यों की चर्चा करते हुए दावा किया कि स्थिर मूल्यों पर वर्ष 2017-18 में बिहार की विकास दर 11.3 प्रतिशत रही जो कि देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक है जबकि अखिल भारतीय स्तर पर यह वृद्धि दर लगभग 7 प्रतिशत रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता के विश्वास पर खरा उतरने के लिए कठिन परिश्रम कर रही है.

इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारून रशीद और बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष की नेता राबडी देवी सहित दोनों सदनों के अन्य सदस्यगण उपस्थित थे.

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