पटना : 30 दिसंबर तक ढक दिये जायेंगे शहर के एक हजार खुले मैनहोल

पटना : पटना शहर में बने 29 हजार मैनहोल में से वर्तमान में एक हजार मैनहोल खुले हैं, जिन्हें 30 दिसंबर तक ढक लिया जायेगा. साथ ही मैनहोल कवर करने में होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए एक पॉलिसी भी तैयार की जायेगी. शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पटना शहर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 25, 2018 4:03 AM
पटना : पटना शहर में बने 29 हजार मैनहोल में से वर्तमान में एक हजार मैनहोल खुले हैं, जिन्हें 30 दिसंबर तक ढक लिया जायेगा. साथ ही मैनहोल कवर करने में होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए एक पॉलिसी भी तैयार की जायेगी. शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पटना शहर की जल निकासी को लेकर समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गयी.
पुनाईचक के मोहनपुर संप हाउस में 12 वर्षीय दीपक के गिरने के मामले की जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ड्रेनेज सिस्टम की सफाई के साथ-साथ उसे कवर करने एवं उसमें जमे कचरे एवं गाद की समस्या का निराकरण के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि संप हाउस और ड्रेनेज के बीच जाली लगी होनी चाहिए ताकि ठोस वस्तु के प्रवाहित होने पर ड्रेनेज अवरुद्ध न हो.
मुख्यमंत्री ने मॉडल के रूप में पटना में ऐसी व्यवस्था शुरू कर इसके प्रभाव का अध्ययन करने का निर्देश दिया ताकि आवश्यकतानुसार इसे बिहार के बाकी शहरों में लागू किया जाये. उन्होंने कहा कि अब तक मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट हो गया है कि बच्चा नाले तक आया और उसमें गिर गया. जिलाधिकारी पीड़ित परिजन को तत्काल चार लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान उपलब्ध कराएं. अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के सरकारी तंत्र से जुड़े शराब के धंधेबाजों पर करें कड़ी कार्रवाई
हर 30 मीटर पर पटना में मैनहोल
पटना नगर निगम आयुक्त अनुपम कुमार सुमन ने मुख्यमंत्री को बताया कि पटना में हर 30 मीटर पर एक मैनहोल है. मशीनों के जरिये इनकी सफाई का काम किया जा रहा है. खुले मैनहोलों को बंद करने की दिशा में भी कार्रवाई हो रही है. उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बैठक में सुझाव दिया कि मैनहोल कवर करने को लेकर एक पॉलिसी बननी चाहिए. मुख्यमंत्री ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने की दिशा में हरसंभव कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
आवारा पशुओं को पकड़ने की कार्रवाई नियमित हो
मुख्यमंत्री ने पटना डीएम कुमार रवि को राजधानी की सड़कों पर विचरते आवारों पशुओं को पकड़ कर उसे गौशाला में रखने की कार्रवाई नियमित रूप से चलाने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि संप हाउस में बच्चे के गिरने की जो घटना हुई है, वह आवारा पशु के कारण ही हुई है. सड़क पर जानवरों के विचरण करने से दुर्घटनाएं भी हुआ करती हैं.
इसके लिए जो आवश्यकताएं हैं, उन्हें दुरुस्त कीजिए. अगर गौशाला की क्षमता बढ़ानी हो और वहां अतिरिक्त कर्मियों की जरूरत हो तो उसे पूरा करें. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सड़क पर विचरण करते पशुओं के पकड़े जाने पर उनके मालिकों पर आर्थिक दंड लगाये जाएं. अगर फिर भी उनके पशु खुले में विचरण करते पकड़े जायें तो इन्हें जब्त कर इसे बेचने की व्यवस्था करें.
उन्होंने कहा कि गौशाला में पकड़े गये आवारा पशुओं से निकलने वाले दूध के अलावा गोबर और मूत्र के इस्तेमाल की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें. पटना के बाद इस व्यवस्था को धीरे–धीरे बिहार के अन्य बड़े शहरों में भी लागू किया जाये.
बैठक में नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, पटना प्रमंडल के आयुक्त आरएल चोंग्थू, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल सिंह, बुडको के एमडी अमरेंद्र प्रसाद सिंह, बिहार राज्य जल पर्षद के एमडी राजेश मीणा, अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद सहित नगर विकास विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version