2020 तक बिहार के एक करोड़ युवाओं को स्किलड बनाने का लक्ष्य : नीतीश

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कौशल विकास के तहत बिहार के एक करोड़ युवाओं को 2020 तक हुनरमंद बनाने का लक्ष्य पूरा किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में राज्य स्तरीय कौशल प्रतियोगिता कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत उदघाट्न किया. इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 20, 2018 9:12 PM

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कौशल विकास के तहत बिहार के एक करोड़ युवाओं को 2020 तक हुनरमंद बनाने का लक्ष्य पूरा किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में राज्य स्तरीय कौशल प्रतियोगिता कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत उदघाट्न किया. इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जबसे हमारी सरकार आयी है, उसके बाद से बिहार में कौशल विकास के लिए हमने काम शुरू किया. इसके लिए तंत्र को काफी विकसित किया गया. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के द्वारा अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए हुनर कार्यक्रम चलाया गया. इसमें अच्छी सफलता के बाद समाज के अन्य वर्गों की महिलाओं के लिए इसका विस्तार किया गया. उस समय केंद्र सरकार ने इस कार्यक्रम को सराहा और इसे अपनाया भी.

उन्होंनेकहा कि कौशल विकास मिशन को एक करोड़ युवाओं को पांच वर्षों में हुनरमंद बनाने का लक्ष्य दिया गया था. शुरुआती तीन वर्षों में काफी कठिनाइयां रहीं और अब वर्ष 2020 तक इस लक्ष्य को प्राप्त करना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में युवाओं की आबादी सबसे अधिक है, इसे दक्ष बनाकर उन्हें रोजगारपरक बनाया जा सकता है, जिनका उपयोग देश के अंदर अन्य राज्यों एवं विदेशों में हो सकता है. आज देश के विकसित राज्यों एवं विदेशों में दक्ष युवाओं की मांग है. बिहार के युवा अपने को हुनरमंद बनाकर अपनी उपयोगिता साबित कर सकते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 12 वर्षों में हरेक क्षेत्र में काम किया गया है. हमने शुरू में ही अपने अधिकारियों से कहा था कि आप योजना बनाइए पैसे की चिंता मत कीजिए. उस समय पूरे बिहार का बजट 22 हजार करोड़ रुपये का हुआ करता था. इस साल का बजट आकार 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये का है, जिसमें 90 हजार करोड़ रुपये विकास कार्यों में खर्च होगा. शिक्षा, स्वास्थ्य, कल्याण, उद्योग जैसे हर विभागों में काम होना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2011 में डेवलपमेंट मैनेजमेंट इस्टीच्यूट की स्थापना की गई थी. डेवलपमेंट की संकल्पना विकसित की गयी.

उन्होंनेकहा कि विकास के लिए योजनाएं बननी चाहिए. उसमें इसी माइंडसेट के कार्यान्वयन करने वाले लोग होने चाहिए. हम न्याय के साथ विकास कर रहे हैं. हर क्षेत्र का विकास, हर समुदाय के विकास में लगे हैं. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे लोगों की आमदनी बढ़ी है तो ख्वाहिशें भी बढ़ी हैं. आज गांव में भी ब्यूटीफिकेशन का प्रचलन बढ़ा है. अतः हरेक जगहों पर स्किल डेवलप्ड युवाओं की जरूरत है. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘स्किल इंडिया’ का सपना ‘स्किल बिहार’ के बिना पूरा नहीं हो सकता है. बिहार की आधी आबादी (15-65 आयुवर्ग) कार्यशील है। इनमें 15-30 आयुवर्ग के युवाओं की संख्या 2 करोड़ से ज्यादा है.

इस अवसर पर श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने भी सभा को संबोधित किया.इस कार्यक्रम में विधायक संजीव चौरसिया, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार, योजना परिषद की मुख्य परामर्शी हरजीत कौर, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, सीमैड के डायरेक्टर जेनरल डॉ0 हेमंत धारवाड़ी, जे0एच0ग्रुप0 के चेयरमैन जनाब जावेद हबीब, आई0एच0एम0 के प्राचार्य सुदेश श्रीवास्तव, बी0आई0टी0 पटना के निदेशक बी0के0 सिन्हा, नाइलेट के निदेशक आलोक त्रिपाठी, जिलाधिकारी कुमार रवि सहित अन्य प्रतिभागीगण एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे.

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