बिहार शराबबंदी मामला : हाईकोर्ट ही नहीं, निचली अदालतों से भी अब मिल जायेगी अग्रिम जमानत

शराब कानून की नयी धारा 76 (2) असंवैधानिक घोषित पटना : हाईकोर्ट से शराबबंदी कानून को झटका लगा है. कोर्ट ने सोमवार को शराब अधिनियम के तहत अभियुक्त बनाये गये लोगों को अग्रिम जमानत प्रदान करने का निर्देश दिया है. अदालत ने नयी शराब अधिनियम की धारा 76(2) को असंवैधनिक करार दिया है. अदालत ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 7, 2017 6:39 AM
शराब कानून की नयी धारा 76 (2) असंवैधानिक घोषित
पटना : हाईकोर्ट से शराबबंदी कानून को झटका लगा है. कोर्ट ने सोमवार को शराब अधिनियम के तहत अभियुक्त बनाये गये लोगों को अग्रिम जमानत प्रदान करने का निर्देश दिया है.
अदालत ने नयी शराब अधिनियम की धारा 76(2) को असंवैधनिक करार दिया है. अदालत ने यह स्पष्ट किया है कि शराब अधिनियम के तहत बनाये गये अभियुक्तों को हाईकोर्ट के अलावा निचली अदालतों से भी अग्रिम जमानत मिलेगी.
बता दें कि 22 सितंबर, 2017 को इस मामले में सुरक्षित रखे गये आदेश में सोमवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाया. जस्टिस केके मंडल व जस्टिस मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने मनीष कुमार उर्फ लोकेश कुमार सहित अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई पूरी कर सुरक्षित रखे गये आदेश में अपना फैसला सुनाया.
इस मामले में हाईकोर्ट की एकलपीठ ने भी नयी शराब नीति कानून की धारा 76(2) को स्पष्ट करते हुए कहा था कि इसके तहत किसी भी अभियुक्त को शराब के मामले में अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है, जब तक कि न्यायालय द्वारा उक्त धारा को गैर संवैधानिक नहीं घोषित कर दिया जाता है.
साथ ही अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि यदि निचली अदालत शराब मामले में पकड़ाये या आत्मसमर्पण किये अभियुक्तों की जमानत नामंजूर करती है, तो उसे अपने आदेश में इस बात का स्पष्ट उल्लेख करना होगा कि किन कारणों से उसने जमानत नामंजूर की है.

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