पटना गुरुद्वारे में श्रद्धालु ने भेंट किए थे 5 करोड़ के नकली गहने, जेल के बजाय मिली यह अनोखी सजा

Patna Sahib Gurdwara: तख्त श्री हरमंदिर पटना साहिब में बीते एक जनवरी 2022 को एक श्रद्धालु पांच करोड़ के नकली सोने-चांदी के गहने भेंट किये थे. इस मामले में पंच प्यारे ने बैठक कर आरोपी को सजा सुनाई है.

By Prabhat Khabar Print Desk | September 13, 2022 8:50 PM

Patna Sahib Gurdwara: बिहार के पटना साहिब गुरुद्वारा में एक श्रद्धालु के बड़े दान की चर्चा हो रही है. दरअसल यहां एक श्रद्धालु ने कुल पांच करोड़ के श्रद्धालु के बेशकीमती हीरे-जेवरात और सोने के बने सामानों को गुरुद्वारे को भेंट किया था. चर्चा इसलिए है कि श्रद्धालु ने जो दान में पांच करोड़ के गहने दिए वो जांच में सब नकली निकले. जब मामले ने तूल पकड़ा तो तख्त श्री हरमंदिर पटना साहिब के पंच प्यारों की एक बैठक हुई. जिसमें आरोपी को गुरुद्वारे में तीन दिनों तक बर्तन और जूता घर में सेवा देने का हुक्म जारी किया गया.

क्या है मामला?

दरअसल, पंजाब के करतारपुर निवासी एक श्रद्धालु ने बीते एक जनवरी 2022 को लगभग पांच करोड़ मूल्य के हीरे जेवरात से बने सोने के हार, सोने की कृपाण, सोने से बनी छोटी पलंग और कलगी गुरुद्वारा साहिब को भेंट की थी. सिख संगतो को इस भेंट पर शक हुआ, जिसके बाद गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के विरोधी गुट द्वारा इस मामले में सवाल उठाए गए. इन सवालों का ये असर हुआ कि तख्त श्री हरमंदिर प्रबंधक कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय अवतार सिंह हित के निर्देश पर इन सामानों की जांच कराई गई. जांच में पाया गया कि सोने की शुद्धता बहुत कम है.

बर्तन धोने की मिली सजा

जांच में सोने के नकली निकलने पर तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के पंच प्यारों ने बैठक कर आरोपी सामरा को एक अखंड पाठ, 1100 का कड़ाह प्रसाद और तीन दिनों तक बर्तन और जूता घर में सेवा करने का हुक्म जारी किया गया है. पंच प्यारों ने दानकर्ता और जत्थेदार से मिले साक्ष्यों को लेकर लगभग 8 से 9 घंटे तक मैराथन बैठक करने के बाद बीते सोमवार की देर रात अपना फैसला सुनाया.

जांच के लिए गठित की गई थी पांच सदस्यीय कमेटी

इस पूरे मामले की जांच को लेकर पांच सदस्यीय कमेटी गठित का गठन किया गया था. बैठक में पूर्व नई दिल्ली में जत्थेदार और डॉक्टर सामरा उपस्थित हुए. इधर तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के पंच प्यारों ने दोनों को 10 सितंबर को उपस्थित होने का हुक्मनामा जारी किया था, जिसके बाद दोनों पक्षों की उपस्थिति हुई. इस दौरान तबीयत ठीक न होने के कारण डॉ. सामरा की जगह उनके बड़े बेटे हरमनदीप सिंह सामरा मौजूद रहे.

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