Bihar politics: चिराग पासवान से मिलने में चाचा पशुपति पारस को आपत्ति नहीं, लेकिन सामने रख दी ये शर्त..

पशुपति पारस ने चिराग पासवान को लेकर बड़ी बात कह दी है. उनसे मुलाकात को लेकर जानिए क्या कुछ बोले..

By ThakurShaktilochan Sandilya | May 10, 2024 1:52 PM

लोजपा (राष्ट्रीय) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने अपने भतीजे चिराग पासवान को लेकर बड़ा बयान दिया है. मीडिया से बातचीत के दौरान जब चिराग पासवान से जुड़ा एक सवाल उनसे किया गया तो उन्होंने इसका खुलकर जवाब दिया. चिराग पासवान से मुलाकात में उन्होंने किसी भी तरह के ऐतराज को उन्होंने खारिज किया लेकिन इसके लिए एक शर्त सामने रख दी. वहीं खुद को एनडीए के साथ मजबूती से होने की बात कही.

एनडीए के साथ होने का दावा

पत्रकारों से बातचीत के दौरान पशुपति पारस ने कहा कि जहां भी एनडीए का कार्यक्रम हुआ है वो गए हैं. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रमों में शरीक हुए हैं. पशुपति पारस ने कहा कि हमारी पार्टी व संगठन पूरे देश में है.करीब 47 साल पूर्व बिहार विधानसभा के सदस्य रहे थे. जहां रहते हैं वहां पूरी इमानदारी और निष्ठा से काम करते हैं. हमारी नीति और नीयत साफ है. हमने पहले ही कहा था कि जबतक जिंदा रहूंगा तबतक एनडीए में रहूंगा. बिहार में 40 सीटों पर जीत का हमारा प्रयास है.

ALSO READ: जदयू विधायक गोपाल मंडल RJD छोड़कर JDU में आए पूर्व सांसद बूलो मंडल पर क्यों भड़के? जिंदा लाश बता डाला..

चिराग पासवान को लेकर कही बड़ी बात

पशुपति पारस ने कुछ एनडीए प्रत्याशियों का नाम लिया कि आज भी उनसे बात हुई. इसपर जब उनसे पूछा गया कि आप चिराग पासवान से क्यों बात नहीं करते तो पशुपति पारस ने कहा कि चिराग मेरा भतीजा है. वो छोटा है तो वो हमसे बात करेगा या हम करेंगे. आप ये बताइए कि जो प्यासा है वो कुएं के पास जाता है या फिर कुंआ ही प्यासा के पास चला जाता है. वो प्रतिदिन मेरे घर के सामने से जाता है, कभी भी आ सकता है.

चिराग-पारस के रिश्ते में दरार

गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव के बाद पशुपति पारस और चिराग पासवान के रिश्ते में तल्खियां आ गयीं. दोनों ने अपनी-अपनी अलग पार्टी बना ली. पशुपति पारस एनडीए में ही केंद्रीय मंत्री बनाए गए थे. वहीं बिहार में सीट शेयरिंग की बात करें तो चिराग पासवान की पार्टी को एनडीए में भाजपा ने पांच सीटें दी. हाजीपुर सीट पर खुद चिराग चुनाव लड़ रहे हैं. परिवार का विवाद नहीं सुलझा तो चिराग पासवान के साथ ही जाने का फैसला भाजपा ने किया. शुरू में हुई नाराजगी के बाद पशुपति पारस ने एनडीए में ही बने रहने का फैसला लिया है.

Next Article

Exit mobile version