मुजफ्फरपुर: ऑनलाइन नक्शे का आवेदन करने के बाद करें ये काम, वरणा ठंडे बस्ते में पड़ जायेगी आपकी फाइल

नगर निगम में आवेदन की फाइलों को पहले चरण की प्रक्रिया के लिए इंजीनियरों को अलॉट नहीं किया जाता है. इसके कारण ऑनलाइन आवेदन के बाद नक्शे पास नहीं हो रहे हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 16, 2024 5:10 PM

मुजफ्फरपुर के स्मार्ट सिटी बनने के बाद नगर निगम में कई व्यवस्थाओं को ऑनलाइन कर दी गई है. जिसमें शहर में नये भवन के नक्शा के लिए भी आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन है. हालांकि ऑनलाइन नक्शा का आवेदन करने के बाद यदि आप आराम से घर बैठ गये, तो आपकी फाइल ठंडे बस्ते में पड़ सकती है. हालात यह है कि ऑनलाइन आवेदन के दो महीने बाद भी फाइल नक्शा स्वीकृति के लिए पहला कदम भी आगे नहीं बढ़ पाती है. आंकड़ों के अनुसार, बीते चार महीनों में नगर निगम के आधिकारिक वेबसाइट पर 141 लोगों ने शहर में नये भवन के नक्शा स्वीकृति के लिए आवेदन किया, जिनमें अभी तक महज 15 लोगों के नक्शे की स्वीकृति दी गयी है. पहला मामला यह आ रहा है कि कई आवेदनों में फाइलों को पहले चरण की प्रक्रिया के लिए इंजीनियरों को अलॉट नहीं किया जाता है. इसके कारण ऑनलाइन आवेदन के बाद भी लोग नगर निगम का चक्कर लगाते रहते हैं.

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ऑनलाइन नक्शा की अबतक की स्थिति

– ऑनलाइन आवेदन – 141 

– प्रक्रिया में आवेदन – 74
– स्वीकृत नक्शा की संख्या – 15
– आपत्ति में फंसे – 52

किस महीने में कितनी स्वीकृति

जनवरी – 2024 – शून्य
– फरवरी – 2024 – 9
– अक्तूबर – 2023 – 1
– नवंबर – 2023 – 1
– दिसंबर – 2023 – 4

नगर निगम में नक्शा के लिए टीम

– आर्किटेक्ट – 8
– स्ट्रक्चर इंजीनियर – 27
– सुपरवाइजर – 5
– ड्राफ्टमैन – 2
– सिविल इंजीनियर – 6

पहले फेज में 25 फीसदी से भी कम राशि की कटती है रसीद

ऑनलाइन आवेदन के बाद आवेदक के नाम से रसीद भी कटती है. लेकिन, बहुत ऐसे आवेदकों को राशि और आगे कितनी लगेगी, क्या होगा, इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाती है. नियम के तहत आवासीय और कमर्शियल भवनों में क्षेत्रफल के हिसाब से अलग-अलग राशि तय है. जानकारी के अनुसार, पहले फेज में 25 फीसदी से भी कम राशि की एक रसीद कटती है. वहीं, फाइल की फाइनल स्थिति में पहुंचने के बाद निर्धारित शुल्क के अनुसार नक्शा स्वीकृति के लिए पूरी राशि आवेदक को जमा करना पड़ता है. इससे पहले नक्शे की फाइल सहायक अभियंता, कार्यपालक अभियंता व नगर आयुक्त इन तीन स्तरों से जांच होकर आगे बढ़ती है.

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