फिर लौटेगी बिहार के ताज की संगमरमरी चमक, पर्यटकों को लुभाएगी सरोवर के बीच खड़ी यह ऐतिहासिक धरोहर

Bihar Tourism: बिहार के ताज की संगमरमरी चमक फिर से अपने रूप में लौटने वाली है. काफी दिनों से जमी धूल और मौसम की मार से फीकी पड़ चुकी इस इमारत की चमक को नए रूप में निखारा जा रहा है. भगवान महावीर स्वामी के पवित्र ‘जल मंदिर’, जो सदियों से आस्था और कला का अनोखा संगम रहा है. यह अब अपने खोए वैभव को फिर से प्राप्त करने की तैयारी में है.

By Rani Thakur | October 13, 2025 10:44 AM

Bihar Tourism: बिहार के ताज की संगमरमरी चमक फिर से अपने रूप में लौटने वाली है. काफी दिनों से जमी धूल और मौसम की मार से फीकी पड़ चुकी इस इमारत की चमक को नए रूप में निखारा जा रहा है. भगवान महावीर स्वामी के पवित्र ‘जल मंदिर’, जो सदियों से आस्था और कला का अनोखा संगम रहा है. यह अब अपने खोए हुए वैभव को फिर से प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

देश-विदेश के पर्यटकों का भी आकर्षण

मिली जानकारी के अनुसार मनमोहक सरोवर के बीच स्थित नालंदा के पावापुरी का यह ऐतिहासिक जल मंदिर, जो न केवल जैन समुदाय की आस्था का प्रमुख केंद्र है, बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों के लिए भी यह आकर्षण का मुख्य स्थल रहा है.

खूबसूरत है वास्तुकला

बता दें कि सफेद संगमरमर से बने इस भव्य मंदिर की वास्तुकला की बारीकियां और शिल्प कौशल तो देखते ही बनती है. जबकि बीते वर्षों में प्रदूषण, नमी और प्राकृतिक कारणों की वजह से इस मंदिर का संगमरमर अपनी चमक खो बैठा था. इसकी वजह से मंदिर की दिव्य आभा भी कम हो गई थी.

काम में जुटे 21 कारीगर

मंदिर की इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए जैन श्वेतांबर मंदिर प्रबंधन समिति ने मंदिर के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की योजना शुरू की है. परियोजना के तहत ओडिशा से विशेष रूप से बुलाए गए कुल 21 कुशल कारीगर पिछले करीब 2 महीने से अथक परिश्रम में लगे हैं.

धरोहर को संजोने का प्रयास

शिल्पकार पारंपरिक विधियों और आधुनिक रासायनिक मिश्रणों का प्रयोग करते हुए संगमरमर की एक-एक परत को सावधानीपूर्वक साफ कर रहे हैं. यह केवल सफाई का काम नहीं है, बल्कि बिहार की धरोहर को संजोने और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखने का प्रयास है. भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव से पहले यह कार्म पूरा कर लिया जाएगा.

चमकाए जा रहे दीवार और फर्श भी

जानकारी के अनुसार सिर्फ मंदिर की बाहरी संरचना ही नहीं, बल्कि परिसर की दीवारों और फर्श की भी मरम्मत की जा रही है. श्रद्धालु यहां एक स्वच्छ, सुंदर और आध्यात्मिक वातावरण में दर्शन कर सकेंगे. यह स्थान सिर्फ  पूजा ही नहीं, बल्कि शांति और ध्यान का भी प्रमुख केंद्र है.

बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें

जैन समुदाय का पूजनीय स्थल

जल मंदिर को ‘बिहार का ताजमहल’ कहा जाता है. सरोवर के बीच श्वेत संगमरमर में निर्मित यह भव्य संरचना दूर से ही अपनी सुंदरता से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है. इस पवित्र स्थान पर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी ने निर्वाण प्राप्त किया था. यही कारण है कि यह स्थान जैन समुदाय के लिए सर्वाधिक पूजनीय तीर्थों में से एक है.

इसे भी पढ़ें: मिनी बॉलीवुड में बदलेगा बिहार के इस जिले का लूक, फिल्मों की शूटिंग के लिए कई लोकेशन हैं बेस्ट