रामदयालु सिंह की सादगी, त्याग और ईमानदारी अनुकरणीय
The simplicity, sacrifice and honesty of Ramdayalu
आरडीएस कॉलेज में मना स्मृति दिवस, रामदयालु बाबू के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने का आह्वान
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
स्वतंत्रता सेनानी और बिहार विधानसभा के प्रथम सभापति रामदयालु सिंह की स्मृति में रामदयालु सिंह महाविद्यालय के श्रीकृष्ण सभा भवन में शुक्रवार को स्मृति दिवस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन व कुलगीत गायन से हुई, मुख्य वक्ता के रूप में नगर विधायक रंजन कुमार ने रामदयालु बाबू को बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी बताया. उन्होंने कहा कि 1889 में जन्मे रामदयालु बाबू ने इलाहाबाद से वकालत की डिग्री ली, लेकिन जल्द ही वे राष्ट्र सेवा की ओर अग्रसर हुए. 1920 में उन्होंने वकालत छोड़कर असहयोग आंदोलन में भाग लिया. बताया कि पूर्ववर्ती छात्र होने के नाते, वे कॉलेज के विकास में हर संभव योगदान देंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ शशि भूषण कुमार ने कहा कि रामदयालु बाबू का व्यक्तित्व काफी सरल था. वे त्याग, ईमानदारी और सच्ची मित्रता की मिसाल थे. उन्होंने कहा कि उनके जीवन वृत्त से सीख लेने की जरूरत है. पूर्व प्राचार्या प्रो अनिता सिंह ने उन्हें महान शिक्षानुरागी व राजनीतिज्ञ बताया, जबकि पूर्व प्राचार्य डॉ संजय कुमार ने उनके पूरे जीवन वृतांत पर संक्षिप्त प्रकाश डाला. इस अवसर पर शोध लेख प्रकाशन, रिसर्च एवं प्रोजेक्ट के लिए डॉ दीपक कुमार, डॉ सौरभ राज, डॉ राजेश कुमार समेत आठ शिक्षकों को मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ अनुराधा पाठक ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ एम एन रजवी ने किया.
फोटो – दीपक 17डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
