काली कमाई पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’! जमीन-फ्लैट खरीद में दो लाख से अधिक कैश भुगतान पर सीधी रोक, रजिस्ट्री प्रक्रिया में बड़ा बदलाव

'Surgical strike' on black money!

By Devesh Kumar | October 29, 2025 8:17 PM

::: 24 अक्तूबर से लागू हुआ है नया नियम, आधी हुई जमीन व फ्लैट रजिस्ट्री की संख्या

::: 16 अप्रैल 2025 के बाद रजिस्ट्री हुई दस्तावेज इनकम टैक्स के जांच के दायरे में, दो लाख से अधिक रुपये नकद लेन-देने वाले को नोटिस

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

आयकर विभाग ने काली कमाई के बल पर जमीन और फ्लैट खरीदने-बेचने वालों पर सख्त शिकंजा कस दिया है. अब अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री में दो लाख रुपये से अधिक का नकद (कैश) लेनदेन करना नामुमकिन हो जायेगा, क्योंकि ऐसा करने पर खरीदार और विक्रेता दोनों को सीधे आयकर विभाग का नोटिस मिलेगा. निबंधन विभाग ने आयकर विभाग की सख्ती के बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए एक नया नियम लागू किया है. इसके तहत, खरीदार को संपत्ति के विक्रेता को किए गए भुगतान की पूरी जानकारी निबंधन विभाग के सिटीजन पोर्टल (जहां से रजिस्ट्री से पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लिया जाता है) पर अपलोड करना अनिवार्य होगा. विभाग की तरफ से पोर्टल में बदलाव करते हुए नयी व्यवस्था को लागू कर दिया गया है.

मोड ऑफ पेमेंट की पूरी जानकारी होगी सार्वजनिक

नया नियम, जो बीते 24 अक्टूबर से मुजफ्फरपुर सहित राज्य भर के निबंधन कार्यालयों में लागू हो चुका है, संपत्ति सौदों में पारदर्शिता लाने के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रहा है. दो लाख से अधिक नकद पर सीधा प्रतिबंध लग गया है. आदेश का पालन जो लोग नहीं करेंगे. खरीदार और विक्रेता को सीधे इनकम टैक्स नोटिस भेजेगा. दो लाख रुपये से अधिक के भुगतान के लिए चेक, यूपीआई या बैंक अकाउंट से राशि ट्रांसफर करना होगा. इन सभी डिजिटल या बैंकिंग माध्यमों से किए गए लेनदेन की आईडी सहित पूरी जानकारी सिटीजन पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि रजिस्ट्री होने वाले दस्तावेज में भी भुगतान के तरीके और राशि की पूरी जानकारी लिखना अब आवश्यक कर दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सख्ती

आयकर विभाग की इस सख्ती के पीछे सुप्रीम कोर्ट का एक महत्वपूर्ण आदेश है. कोर्ट ने काले धन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से देशभर की अदालतों और पंजीकरण अधिकारियों को निर्देश दिया था कि यदि किसी भी कानूनी दस्तावेज (डीड्स) में दो लाख से अधिक के नकद लेनदेन का उल्लेख है, तो इसकी सूचना तत्काल आयकर विभाग को दी जाए. इस कदम का मुख्य लक्ष्य अचल संपत्ति के सौदों में टैक्स चोरी को रोकना और काले धन के निवेश पर अंकुश लगाना है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, आयकर विभाग ने नियम विरुद्ध नकद लेनदेन के मामलों की जांच शुरू कर दी है, जिससे उन सभी लोगों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है जिन्होंने पहले ऐसे नकद लेनदेन किए हैं.

रजिस्ट्री प्रक्रिया पर असर

नियम के लागू होते ही, मुजफ्फरपुर में रजिस्ट्री की प्रक्रिया धीमी पड़ गई है. स्थानीय निबंधन कार्यालयों के आंकड़ों के अनुसार, पहले की तुलना में जमीन की रजिस्ट्री की संख्या सीधे आधी हो गई है. इसका मुख्य कारण यह है कि खरीदारों और विक्रेताओं को अब भुगतान के स्रोत और तरीके को पूरी तरह से वैध साबित करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें अधिक समय लग रहा है.

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