वाह रे सिस्टम ! रिटायरमेंट के बाद परलोक पधार चुके कर्मी की भी हाजिरी खोज रहा निगम, वेतन काटने से पहले मांगा शो कॉज
Show cause sought before salary deduction
शर्मनाक!
उप नगर आयुक्त के हस्ताक्षर से निगम के 58 कर्मियों से शो-कॉज, दस कर्मचारी एक साल पहले कर चुके हैं रिटायर, एक की हो चुकी है मृत्यु
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर नगर निगम में इन दिनों एक अजीबोगरीब और हास्यास्पद मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. निगम के उप नगर आयुक्त अमित कुमार ने एक साल पहले रिटायर हो चुके 10 कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा है. इतना ही नहीं, सभी रिटायर कर्मियों को कार्यालय में समय से ड्यूटी पर नहीं आने के लिए एक दिन का वेतन काटने की चेतावनी भी दी गई है. चेतावनी में साफ कहा गया है कि अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो वेतन काट लिया जायेगा. उप नगर आयुक्त का यह लेटर 17 नवंबर की तिथि में जारी किया गया है. उपस्थिति पंजी यानी बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी की जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है. इस जांच में कुल 58 कर्मी गायब पाये गये. लेकिन सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात यह है कि इन गायब कर्मियों की सूची में दस ऐसे कर्मचारियों के नाम शामिल हैं, जो छह महीने से लेकर एक साल पहले ही रिटायर हो चुके हैं. इनमें से तो एक कर्मी ब्रज किशोर शर्मा की तो सेवानिवृत्ति के बाद मृत्यु भी हो चुकी है. फिर भी उनसे स्पष्टीकरण मांगते हुए वेतन काटने की चेतावनी दी गई है.जांच के घेरे में लेटर तैयार करने वाले कर्मचारी
उप नगर आयुक्त के इस लेटर की चर्चा नगर निगम में खूब हो रही है. लोग हंस रहे हैं कि जब लेटर को तैयार कर उप नगर आयुक्त से स्पष्टीकरण मांगने के लिए हस्ताक्षर कराया गया, तब भी किसी ने इस बड़ी चूक पर ध्यान नहीं दिया. दूसरी तरफ, इस बात की भी चर्चा है कि साहब इन दिनों बिना पढ़े ही आंख मूंद हस्ताक्षर कर दे रहे हैं. इनसे एक और बड़ी चूक हुई है. बिना पढ़े नल-जल की एक रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कर सरकार को भेजी गयी है. इसमें आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया गया है. दूसरी तरफ, उपस्थिति की जांच कर यह त्रुटिपूर्ण लेटर तैयार करने वाले कर्मचारी भी जांच के घेरे में आ गये हैं.शो-कॉज पाने वाले रिटायर्ड कर्मचारियों में पूर्व कोषपाल भी
पूर्व कोषपाल व पार्क प्रभारी प्रभात कुमार त्रिवेदी, लेखा शाखा में कार्यरत रहे मनोज कुमार श्रीवास्तव, विकास शाखा से रिटायर विनोद पासवान, अदनी महतो, सुजीत कुमार पासवान, गोपाल झा, एमआर कर्मी नवीन कुमार, राजीव कुमार गुप्ता, एमआरडीए कर्मी राम किशोर ठाकुर, ब्रज किशोर शर्मा (सेवानिवृत्ति के बाद मृत्यु हो चुकी है) का नाम शामिल हैं. यह पूरा मामला निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है कि रिटायर हो चुके और यहां तक कि मृतक कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच की जा रही है, और उन्हें वेतन कटौती की चेतावनी दी जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
