सावधान! बिना ”जमाबंदी” जमीन खरीदी तो फंस जाएंगे पैसे, रजिस्ट्री से पहले सचिव की बड़ी चेतावनी

Secretary's big warning before registry

By Devesh Kumar | December 29, 2025 8:58 PM

::: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव हैं जय सिंह, जमीन विवादों पर अंकुश लगाने की पहल

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने जमीन विवादों पर अंकुश लगाने और लंबित मामलों को सुलझाने के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किये हैं. उन्होंने स्पष्ट किया है कि अब किसी भी जमीन की खरीदारी या रजिस्ट्री कराने से पहले खरीदारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि विक्रेता के पास उस जमीन की वैध जमाबंदी है या नहीं. सचिव ने अधिकारियों और आम जनता को आगाह करते हुए कहा है कि यदि आप कोई जमीन खरीदने जा रहे हैं, तो सबसे पहले यह जांच लें कि उक्त जमीन बेचने वाले व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी कायम है. अगर विक्रेता के नाम पर जमाबंदी नहीं है, तो उसकी रजिस्ट्री कतई न कराये. ऐसी स्थिति में खरीदार को चाहिए कि वह विक्रेता को पहले अपने नाम पर जमाबंदी कराने को कहे, उसके बाद ही निबंधन की प्रक्रिया आगे बढ़ाएं.

पैतृक संपत्ति पर भी लागू होगा नियम, कई नये फैसले

विभाग ने साफ किया है कि यह नियम केवल खरीदी गई जमीन पर ही नहीं, बल्कि पैतृक संपत्ति पर भी समान रूप से लागू होता है. पैतृक जमीन बेचने से पहले उसका आपसी बंटवारा और विक्रेता के नाम पर अलग जमाबंदी होना आवश्यक है. सरकार लगातार लोगों को पैतृक संपत्ति के विधिवत बंटवारे और निजी जमाबंदी कायम करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, ताकि भविष्य में होने वाले पारिवारिक और कानूनी विवादों को शून्य किया जा सके. इसके लिए बंटवारा शेड्यूल के साथ 100 रुपये के स्टांप शुल्क के साथ पारिवारिक रजिस्ट्री के भी नियम बनाए गए हैं.

विवाद कम करने की कवायद, लग चुका है सुप्रीम झटका

इस पहल का मुख्य उद्देश्य जमीन से जुड़े फर्जीवाड़े और कानूनी पेचीदगियों को कम करना है. अक्सर देखा जाता है कि एक ही जमीन को कई लोग अपनी बताकर बेच देते हैं या पूर्वजों के नाम पर चल रही जमीन को बिना बंटवारे के ही बेच दिया जाता है, जिससे बाद में खूनी संघर्ष और अदालती विवाद पैदा होते हैं. नई व्यवस्था से पारदर्शिता आएगी और केवल वास्तविक मालिक ही जमीन की बिक्री कर सकेगा. हालांकि, सरकार के इस तरह के कागजी फैसले को पहले ही सुप्रीम कोर्ट नकार चुकी है. इससे बड़ा झटका लग चुका है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है