Muzaffarpur News: रेलवे परिसर में मंदिर तोड़ने का मुद्दा गरमाया, 21 मार्च को शहर में चक्का जाम

Muzaffarpur News: बिहार के मुजफ्फरपुर रेलवे जंक्शन परिसर में मंदिर शिफ्टिंग का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. 10 मार्च को रेलवे और जिला प्रशासन की सहमति से मंदिर को तोड़ा गया. इसके बाद बगल में एक नए मंदिर का निर्माण किया गया है. VHP इसका विरोध कर रही है. 21 मार्च को शहर बंद का ऐलान किया गया है. पढ़ें पूरी खबर…

By Aniket Kumar | March 20, 2025 11:15 AM

Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर जंक्शन पर मंदिर का विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. वीएचपी ने अब 21 मार्च यानी शुक्रवार को शहर बंद का ऐलान किया है. विहिप के प्रातीय अध्यक्ष संजीव सिंह ने बुधवार को शहर के सरैयागंज टावर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 21 मार्च को विश्व हिन्दू परिषद ने मुजफ्फरपुर बंद का आह्वान किया है. बता दें, रेलवे प्रशासन ने स्टेशन के विस्तार के लिए 10 मार्च को रातों-रात दो प्राचीन मंदिरों को तोड़कर हटा दिया गया. हालांकि, जिला प्रशासन ने पुराने मंदिर से ठीक सटे एक नए मंदिर का निर्माण भी कराया है और विधिवत उसकी पूजा पाठ भी हुई है. पुराने मंदिर में कंक्रीट की मूर्ति स्थापित थी, उसकी जगह संगमर्मर की मूर्ति स्थापित की गई है. बता दें, एलिवेटेड सड़क निर्माण के लिए यह कार्रवाई की गई है. 

17 मार्च को भी विहिप ने किया था विरोध प्रदर्शन

17 मार्च को विश्व हिन्दू परिषद कार्यकर्ताओं ने स्टेशन परिसर में मंदिर तोड़ने के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया. स्टेशन पर भारी पुलिस बल तैनात करनी पड़ी. रेलवे प्रशासन ने मंदिर की पुनर्स्थापना का आश्वासन भी दिया. स्टेशन के बगल में ही एक नए मंदिर का निर्माण भी कराया गया. प्रशासन का कहना है कि मंदिर को वहीं शिफ्ट कर दिया गया है. वहीं विहिप के नेता और कार्यकर्ता पुरनी जगह पर ही मंदिर की स्थापना और मंदिर तोड़ने से पहले जानकारी न देने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन पर अड़े हैं. संजीव सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शहर बंद के बाद भी प्रशासन नहीं माना, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

बैठक में नहीं हो सका कोई निर्णय

मुजफ्फरपुर जंक्शन पर निर्माण कार्य के दौरान मंदिर को शिफ्ट करने का मामला अभी तक नहीं सुलझ पाया है. बुधवार को एसडीओ पूर्वी अमित कुमार की अध्यक्षता में दोनों पक्षों के साथ हुई बैठक में भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका. बैठक में रेलवे और मंदिर प्रबंधन के प्रतिनिधि शामिल हुए, लेकिन मंदिर शिफ्टिंग का विरोध कर रहे लोग नहीं पहुंचे. एसडीओ पूर्वी ने बताया कि बैठक में सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई, लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि मंदिर को दूसरी जगह बनाकर तैयार कर दिया गया है और शिफ्टिंग का काम भी हो चुका है, लेकिन कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं. एसडीओ पूर्वी ने कहा कि बैठक में शामिल लोगों ने किसी तरह की आपत्ति नहीं जताई है.

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