प्रॉपर्टी टैक्स बकायेदारों को बड़ी राहत ! 31 मार्च 2026 तक बकाया चुकाने पर 100% ब्याज और जुर्माना माफ
प्रॉपर्टी टैक्स बकायेदारों को बड़ी राहत ! 31 मार्च 2026 तक बकाया चुकाने पर 100% ब्याज और जुर्माना माफ
::: शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले 35 हजार से अधिक परिवारों के यहां बकाया है कई करोड़ रुपये
::: जिले के 01 नगर निगम, 03 नगर परिषद एवं 07 नगर पंचायत में लागू होगा ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट योजना)
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार ने प्रॉपर्टी टैक्स के बकायेदारों के लिए बड़ा तोहफा दिया है. ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) स्कीम के तहत 100 फीसदी ब्याज सहित किसी भी तरह के पेनाल्टी (जुर्माना) को माफ करने का फैसला लिया है. शनिवार को नगर विकास एवं आवास विभाग की तरफ से इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. राज्य सरकार के इस फैसले से मुजफ्फरपुर नगर निगम सहित जिले के 03 नगर परिषद एवं 07 नगर पंचायत में निवास करने वाले एक लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा. सबसे ज्यादा फायदा सालों से प्रॉपर्टी टैक्स जो लोग जमा नहीं कर रहे हैं. उन्हें मिलेगा. 31 मार्च 2026 तक वे लोग अपना बकाया प्रॉपर्टी टैक्स के मूल राशि को जमा कर ब्याज और जुर्माने की राशि से मुक्त हो सकते हैं. सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स के बकायेदार मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र में हैं. विभाग के इस फैसले से शहरी क्षेत्र के निजी होल्डिंग स्वामी एवं सरकारी विभागों पर लगभग 50 करोड़ रुपये की राशि माफ होगी. नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने बताया कि विभाग की तरफ से एक उच्च स्तरीय कमेटी बनायी गयी थी, जिसमें उन्हें भी शामिल किया गया था. बीते दिनों सशक्त स्थायी समिति से भी इसका प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा गया था. इस फैसले से नगर निगम का एक तरफ जहां बकाया टैक्स की राशि मिलेगा. वहीं, ब्याज व जुर्माना सहित मोटी रकम होने के कारण जो लोग अपना टैक्स जमा नहीं कर पा रहे थे. वे अब आसानी से सरकार के इस स्कीम का लाभ उठा कर सकते हैं. सरकार का यह फैसला आवासीय भवनों के साथ व्यावसायिक भवनों पर भी लागू होगा.योजना के प्रमुख बिंदु को समझे
– अवधि :
यह योजना अधिसूचना जारी होने की तिथि 04 अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगी.– किस पर लागू :
यह छूट वित्तीय वर्ष 2025-26 और इससे पूर्व के सभी बकाया संपत्ति कर की मूल राशि के भुगतान पर लागू होगी.– संपत्तियों का विस्तार :
यह योजना सभी आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक संपत्तियों, साथ ही केंद्र/राज्य सरकार की संपत्तियों एवं संस्थागत संपत्तियों पर समान रूप से लागू होगी.विशेष परिस्थितियों में भी मिलेगा लाभ
– न्यायालय में लंबित मामले :
यदि किसी करदाता का मामला किसी न्यायालय, न्यायाधिकरण या अन्य फोरम में लंबित है, तो उसे भी इस योजना का लाभ मिलेगा. इसके लिए उन्हें न्यायालय से मामला वापस लेने का लिखित प्रमाण प्रस्तुत करना होगा.– स्व-निर्धारण न कराने वाले :
जिन करदाताओं ने अभी तक अपनी होल्डिंग का स्व-निर्धारण (सेल्फ असेसमेंट) नहीं कराया है, वे भी इस योजना में शामिल हो सकते हैं.निर्धारण तिथि :
ऐसे मामलों में, संपत्ति कर का निर्धारण आवासीय के लिए विद्युत कनेक्शन प्राप्त करने या नगर निकाय अधिसूचित होने की तिथि से और गैर-आवासीय के लिए जीएसटी में निबंधन या नगर निकाय अधिसूचित होने की तिथि (जो तिथि बाद की हो) से प्रभावी होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
