शिकायत पेटी थी खाली, जिला जज पूछीं- कोई दुर्व्यवहार तो नहीं करता
District Judge asked if anyone was misbehaving.
डी-33
सेंट्रल जेल में बंदियों से किया संवाद, सुविधाओं के बारे में पूछताछजिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से हुआ किया गया निरीक्षण
संवाददाता, मुजफ्फरपुरजिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा का निरीक्षण किया गया. सुप्रीम कोर्ट, हाइकोर्ट व बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के दिशा-निर्देशों के आलोक में प्रधान जिला एवं सत्र जज सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार की अध्यक्ष श्वेता कुमारी सिंह ने जेल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उनके साथ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री राज कपूर व प्राधिकार की सचिव जयश्री कुमारी भी मौजूद रहीं. निरीक्षण में जिला जज ने जेल के विभिन्न वार्डों, विशेषकर महिला वार्ड का दौरा किया और बंदियों से उनका हालचाल जाना. उन्होंने जेल परिसर में संचालित मसाला केंद्र, सरसों तेल इकाई व लकड़ी के फर्नीचर कारखाने का बारीकी से निरीक्षण किया. उन्होंने जेल प्रशासन को सुझाव दिया कि पुराने के साथ नये बंदियों को भी इन कार्यों में प्रशिक्षित किया जाए, ताकि रिहाई के बाद वे स्वरोजगार से जुड़ सकें. बंदियों द्वारा जेल की दीवारों पर बनायी गयी मिथिला पेंटिंग की जिला जज ने काफी सराहना की. बढ़ती ठंड को देखते हुए प्रधान जिला एवं सत्र जज ने कारा प्रशासन को सख्त निर्देश दिया कि जेल में अलाव की समुचित व्यवस्था हो. साथ ही, सभी बंदियों को कंबल व गर्म कपड़े समय पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. उन्होंने जेल की साफ-सफाई पर संतोष व्यक्त किया.
सबकुछ ठीक मिला, शिकायत ही नहीं
निरीक्षण के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से लगायी गयी शिकायत पेटी को खोला गया, लेकिन उसमें किसी बंदी की ओर से कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ. जिला जज ने बंदियों से सीधे संवाद कर जाति आधारित भेदभाव या दुर्व्यवहार के संबंध में भी पूछताछ की, जिस पर बंदियों ने किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं होने की बात कही. अंत में उन्होंने जेल प्रशासन को हिदायत दी कि विधिक सेवा केंद्र के माध्यम से बंदियों को मिलने वाली कानूनी सहायता में कोई विलंब नहीं हो.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
