Bihar News: अब सरकारी शिक्षकों को सैलरी मिलने में नहीं होगी देरी, डीईओ ने टाइट किए नियम
Bihar News: मुजफ्फरपुर में डीईओ ने 27 हजार से अधिक शिक्षकों के सैलरी और पेंशन लाभ में देरी की समीक्षा की. ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर कई शिकायतें मिली हैं. डीईओ ने अधिकारियों को समय पर रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए और देरी होने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.
Bihar News: मुजफ्फरपुर जिले में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शिक्षकों के वेतन और अन्य लाभों से जुड़े मामलों की समीक्षा की. इस दौरान यह सामने आया कि वेतन भुगतान से जुड़े रिपोर्ट, अवकाश अवधि के भुगतान और सेवानिवृत्ति लाभों की कार्रवाई समय पर पूरी नहीं हुई है.जिले में करीब 27 हजार से अधिक शिक्षक काम कर रहें हैं, और इन सभी के वेतन और लाभों का सही समय पर भुगतान सही समय पर करना जरुरी है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अधिकारियों को समय पर सभी रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए और अगर देरी पाई गई तो सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी. इस कदम से यह पक्का किया जाएगा कि सभी शिक्षक अपना वेतन और लाभ समय पर प्राप्त करें, और किसी भी प्रकार की परेशानी न हो.
इन लोगों पर है पूरी जिम्मेदारी
मुजफ्फरपुर में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि शिक्षकों का वेतन और सेवानिवृत्ति लाभ समय पर भुगतान किया जाए. इसकी जिम्मेदारी संबंधित स्कूल के प्रिंसिपल, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, डाटा एंट्री ऑपरेटर/लेखा सहायक, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और स्थापना संभाग के क्लर्क एवं कर्मचारी पर है.
हर महीने की 25 तारीख को देना होगा रिपोर्ट
जिले में कुछ संबंधित कर्मचारी ईमानदारी से काम नहीं कर रहे हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने कहा कि प्रखंड शिक्षा अधिकारी हर महीने की 25 तारीख को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को कर्मचारियों की उपस्थिति की रिपोर्ट देंगे. इसके अलावा, पुराने वेतनमान के सहायक शिक्षक, स्नातक शिक्षक, प्रधानाध्यापक, विद्यालय शिक्षक और विशिष्ट शिक्षक के वेतन संबंधित चिन्हित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक तैयार करेंगे और महीने की 25 तारीख तक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को सौंपेंगे.
बकाया पैसों की देरी में प्रिंसिपल पर होगी कार्रवाई
अगर किसी सेवानिवृत्त शिक्षक या कर्मचारी का पेंशन या बकाया पैसा समय पर नहीं दिया जाता और इस कारण मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त या हाई कोर्ट में शिकायत होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी चिन्हित मध्य विद्यालय के प्रिंसिपल पर होगी. उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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