विजिलेंस के रडार पर शहर की विकास योजनाएं, ठेकेदार-इंजीनियरों में हड़कंप

City's development plans on Vigilance radar

By Devesh Kumar | December 9, 2025 7:55 PM

::: योजनाओं में गड़बड़ी मिलने पर मॉनिटरिंग करने वाले इंजीनियर से लेकर ठेकेदार तक की कुंडली खंगालेगी निगरानी विभाग

::: 05 करोड़ और इससे अधिक की योजनाओं पर सबसे ज्यादा फोकस, बुडको की योजनाओं की भी अब होगी सख्त मॉनिटरिंग

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

शहरी क्षेत्र में चल रही विकास योजनाओं की गुणवत्ता अब सीधे निगरानी विभाग के रडार पर आ गई है. निर्माण कार्यों में लगातार मिल रही गड़बड़ी और इंजीनियर-ठेकेदार की सांठगांठ की गंभीर शिकायतों के बाद निगरानी विभाग (विजिलेंस) ने मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र में चल रही सभी बड़ी विकास योजनाओं की पूरी रिपोर्ट तलब कर ली है. निगरानी विभाग के इस सीधे दखल से मुजफ्फरपुर नगर निगम (एनएमसी) और बुडको में हड़कंप मच गया है. पांच करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत की जितनी भी योजनाएं चल रही हैं, उन सभी की विस्तृत रिपोर्ट नगर विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से नगर निगम को निगरानी विभाग को भेजनी होगी. इस कदम के बाद अब बुडको एवं नगर निगम के माध्यम से चलने वाली विकास योजनाओं में गड़बड़ी करने पर सीधे विजिलेंस की कार्रवाई होगी. यानी, विभागीय इंजीनियर मॉनिटरिंग में हीलाहवाली करेंगे, तब निगरानी विभाग जांच कर सीधे कार्रवाई करेगी.

उड़नदस्ता टीम करेगी ऑन-साइट जांच

निगरानी विभाग की उड़नदस्ता टीम (तकनीकी सेल) कभी भी मुजफ्फरपुर पहुंचकर विकास योजनाओं की गुणवत्ता की अचानक जांच-पड़ताल कर सकती है. निगरानी विभाग की इस कार्रवाई से निर्माण एजेंसियों (ठेकेदार) के साथ-साथ प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग करने वाले कनीय अभियंता से लेकर सहायक एवं कार्यपालक अभियंता तक की कुंडली खंगाली जायेगी. जिन योजनाओं में गड़बड़ी मिलेगी, उनमें ठेकेदार के साथ-साथ मॉनिटरिंग करने वाले इंजीनियर भी सीधे विजिलेंस के रडार पर चढ़ जायेंगे.

सात बिंदुओं पर अनिवार्य है रिपोर्ट

निगरानी विभाग ने यह रिपोर्ट योजना की भौतिक और वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मांगा है. निगम को अनिवार्य रूप से सात बिंदुओं पर रिपोर्ट उपलब्ध कराना है. इसमें योजना का नाम, प्रशासनिक स्वीकृति की राशि एवं प्रसंग, एकरारनामा की राशि एवं तिथि, कार्य पूर्ण करने की तिथि, योजना की अद्यतन भौतिक स्थिति, योजना की अद्यतन वित्तीय स्थिति आदि शामिल है.

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