1800 करोड़ से बिहार के इस रेलखंड का दोहरीकरण जल्द, क्षेत्रीय विकास को गति, मालगाड़ियों की भी बढ़ेगी रफ्तार
Bihar Rail Project: बिहार के मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड के दोहरीकरण का काम जल्द शुरू होने वाला है. इस परियोजना पर करीब 1800 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसके लिए पूर्व मध्य रेलवे अपनी तैयारियां तेज कर दी है. इसके पहले चरण के काम में मिट्टी भराई और दो बड़े पुलों का निर्माण किया जाएगा.
Bihar Rail Project: बिहार के मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड के दोहरीकरण का काम जल्द शुरू होने वाला है. इस परियोजना पर करीब 1800 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसके लिए पूर्व मध्य रेलवे अपनी तैयारियां तेज कर दी है. इसके पहले चरण के काम में मिट्टी भराई और दो बड़े पुलों का निर्माण किया जाएगा.
पुल की लंबाई और चौड़ाई
इसके लिए रेलवे एक ऐसी एजेंसी की तलाश कर रहा है जो इन कार्यों को तय समय सीमा में पूरा कर सके. मिली जानकारी के अनुसार, एक पुल की लंबाई 10 मीटर और चौड़ाई 30.50 मीटर होगी, जबकि दूसरे पुल की लंबाई 30.50 मीटर और चौड़ाई 18 मीटर निर्धारित की गई है.
साल 2024 में मिली थी स्वीकृति
वहीं, इस रेलखंड में 25 टन से अधिक क्षमता के हिसाब से मिट्टी भराई और लोडिंग का काम किया जाएगा. केंद्र सरकार की कैबिनेट ने साल 2024 में इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की थी, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. करीब 65 किलोमीटर लंबे इस रेलखंड के दोहरीकरण से न सिर्फ यात्री सुविधाओं में वृद्धि होगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी गति प्रदान होगी.
पासिंग के लिए मालगाड़ी करते हैं इंतजार
अभी यह लाइन सिंगल ट्रैक होने की वजह से यात्री और मालगाड़ियों को छोटे-छोटे स्टेशनों पर पासिंग के लिए ठहरना पड़ता है. डबल लाइन बनने के बाद यह समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी और रेल परिचालन सुगम हो जाएगा. यह परियोजना मालगाड़ियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी.
बंगाल तक असानी से जाएंगी मालगाड़ियां
अभी एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों की प्राथमिकता के चलते उन्हें कई घंटों तक इंतजार करना पड़ता है. एक तरफ तो दोहरीकरण होने से मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ेगी और साथ ही उनकी संख्या में भी वृद्धि हो सकेगी. मालगाड़ियां गोरखपुर, दरभंगा और समस्तीपुर होते हुए बड़ी आसानी से बंगाल तक जा पाएंगी.
रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
बता दें कि इससे न सिर्फ क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों में भी बड़ा इजाफा होगा. औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और रोजगार के अवसर भी खुलेंगे. यात्रियों के लिहाज से भी यह रेलखंड बेहद महत्वपूर्ण है.
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रोजाना 25 हजार यात्री करते हैं सफर
रोजाना 25 हजार से अधिक यात्री इस रूट पर सफर करते हैं. मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी स्टेशन के बीच कुल 9 स्टेशन हैं, जिनमें छह स्टेशन और तीन हॉल्ट शामिल हैं. इस रूट पर 9 एक्सप्रेस ट्रेनों के अलावा रोजाना तीन डेमू और मेमू पैसेंजर ट्रेनें भी चलती हैं.
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