बिहार: मुजफ्फरपुर में भूमिहीनों को सरकार देगी 5 डिसमिल जमीन, जल्द शुरू होगा अभियान बसेरा टू

सरकार भूमिहीन परिवारों को नये सिरे से खोज रही है. ऐसे परिवार हैं जिन्हें आवास के लिए जमीन नहीं रहने के कारण घर बनाने की सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. ऐसे लोगों की खोज के लिए एक मोबाइल एप लांच किया गया. इस साल 30 जून तक भूमिहीन परिवारों की सूची तैयार हो जानी है.

By Prabhat Khabar | May 11, 2023 12:01 AM

मुजफ्फरपुर: जिला में भूमिहीन परिवारों का सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है. मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 1 लाख 30 हजार रुपये दिये जाते हैं. वहीं 2010 से पहले बने जर्जर मकान के मरम्मत की लिए 50 हजार रुपये दिये जाते हैं. सरकार भूमिहीन परिवारों को नये सिरे से खोज रही है. ऐसे परिवार हैं जिन्हें आवास के लिए जमीन नहीं रहने के कारण घर बनाने की सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. ऐसे लोगों की खोज के लिए एक मोबाइल एप लांच किया गया. इस साल 30 जून तक भूमिहीन परिवारों की सूची तैयार हो जानी है. डाटा बेस तैयार करने की जिम्मेदारी हलका कर्मचारियों को दी गयी है. इसे ऑपरेशन बसेरा-टू का नाम दिया गया है. ऑपरेशन बसेरा की शुरुआत वर्ष 2015-16 में हुई थी. उसी का विस्तार करते हुए इस अभियान को बढ़ाया गया है.

भूमिहीन को 5 डिसमिल जमीन देगी सरकार

बसेरा टू अभियान के तहत एक परिवार को 5 डिसमिल जमीन सर्कार के तरफ से मिलेगी. वहीं, जिला प्रशासन का प्रयास होगा कि इन्हें समूह में बसाया जाए और सभ जरूरी सुविधाएं भी दी जाएं. जिलों से यह विवरण भी मांगा गया है कि ऑपरेशन बसेरा के तहत अब तक कितने परिवारों को घर के लिए जमीन दी गयी है. पहले के सर्वे में कुछ परिवार ऐसे हैं, जिन्हें सूची में नाम होने के बाद भी जमीन नहीं मिली. इधर, 15 मई तक लक्ष्य पूरा करने का निर्देश है. आवास योजना के लाभुकों को आवास बनाने का दबाव दिया जा रहा है. तीनों किस्त लेकर आवास नहीं बनाने वाले पर कार्रवाई होगी.

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क्या है अभियान बसेरा

अभियान बसेरा दिसम्बर 2014 में बिहार सरकार द्वारा शुरू किया गया था. इस अभियान के तहत राज्य में ऐसे परिवारों को ढूंढा जाता है जिनके पास रहने के लिए (वास करने के लिए) अपनी कोई जमीन नहीं है. ऐसे में, उन्हें राज्य सरकार के द्वारा न्यूनतम बाजार मूल्य दर पर 5 डिसमिल जमीन खरीद कर दिया जाता है. अभी तक जिले के हजारों लोगों को इस अभियान का लाभ मिला है.

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