आरडीएस, यूनिवर्सिटी सहित शहर के छह पोखरों की बदलेगी सूरत, जीर्णोद्धार और घाट निर्माण की मिली मंजूरी

Approval received for renovation and construction of ghat

By Devesh Kumar | December 29, 2025 8:14 PM

::: वर्ष 2025 के अंत-अंत तक तालाबों की सौंदर्यीकरण की मिली मंजूरी, छह महीने से अटका हुआ था प्रस्ताव

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर माने जाने वाले आधा दर्जन प्रमुख पोखरों के दिन अब बहुरने वाले हैं. जल-जीवन हरियाली मिशन के तहत मुजफ्फरपुर नगर निगम ने आरडीएस कॉलेज पोखर, विश्वविद्यालय कैंपस स्थित पोखर, तिनपोखरिया का दूसरा पोखर और बहलखाना पोखर के जीर्णोद्धार और वहां भव्य घाट निर्माण की योजना तैयार की है. इसके अलावा श्री राम नगर कॉलोनी के दो पोखर का सौंदर्यीकरण होगा. 2025 के अंत होते-होते तत्कालीन नगर आयुक्त विक्रम विरकर की तरफ से भेजी गयी इन योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति नगर विकास एवं आवास विभाग से मिल गयी है. खास बात यह है कि इन सभी योजनाओं को मुख्य अभियंता द्वारा तकनीकी अनुमोदन पहले ही प्राप्त हो चुका है.

13.62 करोड़ रुपये से आधा दर्जन तालाब की सूरत बदलेगी

नगर निगम द्वारा तैयार किये गये प्राक्कलन के अनुसार, सभी छह योजनाओं पर कुल 13.62 करोड़ रुपये खर्च किये जाने का अनुमान है. इसमें आरडीएस कॉलेज पोखर का जीर्णोद्धार व घाट निर्माण पर 1.40 करोड़ रुपये खर्च करना है. इसके अलावा विश्वविद्यालय कैंपस पोखर का जीर्णोद्धार व घाट निर्माण पर 2.98 करोड़, तीनपोखरिया के दूसरे पोखर का जीर्णोद्धार व घाट निर्माण पर 2.02 करोड़ और बहलखाना पोखर का जीर्णोद्धार व घाट निर्माण पर 3.27 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके अलावा श्री राम नगर कॉलोनी में दो तालाब है, जिसका सौंदर्यीकरण होना है. तालाब के दोनों हिस्से के सौंदर्यीकरण पर 3.93 करोड़ रुपये खर्च करने के प्रस्ताव की प्रशासनिक मंजूरी मिली है.

पर्यावरण के साथ धार्मिक-सामाजिक जुड़ाव पर जोर

नगर आयुक्त ने अपने प्रस्ताव में स्पष्ट किया है कि इन पोखरों का जीर्णोद्धार न केवल स्वच्छ और हरित पर्यावरण सुनिश्चित करेगा, बल्कि स्थानीय नागरिकों को धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए एक सुरक्षित और स्वच्छ स्थल भी उपलब्ध करायेगा. इससे शहर के पारिस्थितिकीय संतुलन को बनाये रखने में मदद मिलेगी.

अमृत योजना से भी राशि की मांग

नगर निगम ने विभाग से अनुरोध किया है कि इन योजनाओं के लिए जल-जीवन हरियाली मिशन या अमृत योजना के अंतर्गत प्रशासनिक स्वीकृति देते हुए राशि उपलब्ध कराई जाए. इसकी प्रतिलिपि जिलाधिकारी के साथ-साथ महापौर और उप महापौर को भी सूचनार्थ भेजी गई है.

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